Bank Merger: 10 बैंकों के मेगा मर्जर से आम आदमी पर कैसे पड़ेगा असर? यहां जानिए सब कुछ
bank (बैंक ) ( photo credit : ians )

बैंक मर्जर: 1 अप्रैल से देश में मेगा बैंक मर्जर (Bank Merger) होने जा रहा है, जिसके बाद सार्वजनिक क्षेत्र के 10 बैंकों का विलय होकर केवल 4 बैंक रह जाएंगे. इसके तहत ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स (Oriental Bank of Commerce) और यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया का पंजाब नेशनल बैंक में, सिंडिकेट बैंक का केनरा बैंक में, आंध्रा बैंक व कॉरपोरेशन बैंक का यूनियन बैंक ऑफ इंडिया में और इलाहाबाद बैंक का इंडियन बैंक में विलय होगा. इस संदर्भ में रिजर्व बैंक ने अधिसूचनाएं जारी की हैं. अधिसूचना में कहा गया है कि 1 अप्रैल 2021 से इलाहाबाद बैंक की सभी शाखाएं अब इंडियन बैंक की शाखाओं के रूप में काम करेंगी. इसी तरह ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स व यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया की शाखाएं पंजाब नैशनल बैंक की शाखाओं के रूप में, सिंडिकेट बैंक की शाखाएं केनरा बैंक की शाखाओं के रूप में और आंध्रा बैंक व कॉर्पोरेशन बैंक की शाखाएं यूनियन बैंक ऑफ इंडिया की शाखाओं के रूप में काम करेगी. सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र के चार बैंकों में 14,500 करोड़ रुपये की पूंजी डाली

चेकबुक

जिन बैंकों का विलय हो रहा है, उनकी चेकबुक एक अप्रैल से मान्य नहीं होगी. ऐसे में ग्राहकों को एंकर बैंक (जिसमें विलय हो रहा है) से नई चेक बुक जारी करवानी होगी. उदाहरण के तौर पर ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स और यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया की चेक बुक 31 मार्च तक ही वैध होगी. इन दोनों बैंकों का विलय पंजाब नेशनल बैंक में हो रहा है. ऐसे में इन दोनों बैंकों के ग्राहकों को पी.एन.बी से नई चेक बुक जारी करवानी होगी.

बैंकों की ओर से मिल सकती है ये राहत

कुछ बैंक ग्राहकों को चेक बुक के मामले में कुछ समय के लिए राहत भी दे सकते हैं, क्योंकि आर.बी.आई. ने कुछ बैंकों को अगली एक या दो तिमाही के लिए पुरानी चेक बुक्स को जारी रखने की अनुमति दी है. उदाहरण के तौर पर, सिंडिकेट बैंक के ग्राहक अपनी चेक बुक का प्रयोग 30 जून तक कर सकते हैं. आप कब तक पुरानी चेक बुक्स का उपयोग कर सकते हैं, यह जानने के लिए आपको अपने से सम्बंधित बैंक द्वारा दी जाने वाली सूचनाओं से अवगत रहना होगा.

धन का लेनदेन

विलय होने के बाद कुछ बैंकों का IFSC और MICR कोड बदल जाएगा, जबकि कुछ का अपरिवर्तित रहेगा. चूंकि हर बैंक का माइग्रेशन अलग होता है, ऐसे में इस संबंध में ग्राहक को अपने बैंक से संपर्क करना होगा. उसके अनुसार ही ग्राहक को लोन और जीवन बीमा और म्यूचुअल फंड निवेश जैसे अन्य भुगतान के लिए अपने ई.सी.एस. (ECS) निर्देशों को बदलने की आवश्यकता होगी.

जमा व लोन

अगर आपने विलय हो रहे बैंक से लोन लिया हुआ है, तो एंकर बैंक इस प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करेगा. कुछ बैंकों के लिए नए अपडेट नियम, नई शर्तें और नई दरें हो सकती हैं. इस सम्बन्ध में भी ग्राहक को अपने सम्बंधित बैंक की सूचनाओं से अवगत रहना होगा. यह भी पढ़ें : Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट ने मोरेटोरियम के दौरान बैंकों पर ब्याज-पर-ब्याज लगाने से लगाई रोक

ए.टी.एम. कार्ड्स

अधिकतर बैंकों के ग्राहक अपने पुराने कार्ड्स को एक्सपायरी डेट तक जारी रख सकते हैं. इसके बाद नए बैंक के कार्ड्स जारी होंगे. इस संदर्भ में मुख्य बैंकों की तरफ से फिलहाल कोई नोटिफिकेशन नहीं जारी किया गया है.

पुरानी चेकबुक व पासबुक में बदलाव संभव

जो बैंक विलय होने वाले हैं तो संभव है कि उनकी चेकबुक कैंसिल हो जाए. साथ ही उनके IFSC कोड, ब्रांच कोड में भी बदलाव हो सकता है. ऐसा इसलिए, क्योंकि साल 2017 में एसबीआई में 6 सहयोगी बैंकों के विलय के बाद भी उन 6 बैंकों की चेकबुक, IFSC कोड, ब्रांच कोड आदि में बदलाव हुआ था, जिसके बाद पुरानी चेकबुक रद्द कर दी गई थीं और नई चेक बुक जारी हुई थीं. हालांकि विलय लागू होने के बाद पुरानी चेकबुक एक तय समय तक मान्य रहती हैं और ग्राहक को इन्हें बदलने के लिए निश्चित समय दिया जाता है.

FD, RD रेट में फिलहाल बदलाव नहीं

मेगा मर्जर लागू होने के बाद जिन बैंकों का विलय होगा, उनमें भी मुख्य बैंक यानी एक्वायर करने वाले बैंक के डिपॉजिट रेट/लेंडिंग रेट/आरडी रेट लागू होंगे. हालांकि जिन ग्राहकों का पहले से फिक्स्ड डिपॉजिट है, उन्हें मैच्योरिटी पीरियड खत्म होने तक वही ब्याज दर मिलती रहेगी जिस पर उन्होंने एफडी खोली थी. ऐसा ही ब्यौरा RD के मामले में भी रहेगा. होम लोन ग्राहकों के लिए मौजूदा ब्याज दर तब तक बरकरार रहेगी, जब तक नई एंटिटी ब्याज दर में बदलाव नहीं करती.

अकाउंट नंबर, कस्टमर ID में बदलाव

विलय होने वाले बैंकों के कस्टमर्स को मुख्य बैंक के मुताबिक, एक नया अकाउंट नंबर और कस्टमर ID मिल सकता है. इसके अलावा एटीएम कार्ड, नेट बैंकिंग आदि के मामले में भी बदलाव होने की गुंजाइश है.

ग्राहक क्या करें?

इन सभी बैंकों से सम्बंधित ग्राहकों को अपने बैंकों में कॉल करके यह पता करना होगा कि उनका ईमेल एड्रेस और मोबाइल नंबर बैंक के पास अपडेटेड है या नहीं, जिससे वे बैंक के किसी भी बदलाव के बारे में तुरंत जानकारी प्राप्त कर सकते हैं.