Starlink India Launch: एलन मस्क (Elon Musk) की कंपनी SpaceX की सैटेलाइट इंटरनेट शाखा Starlink अब भारत में अपनी शुरुआत की तैयारी में है. कंपनी साल 2025 के आखिर तक देश में अपनी हाई-स्पीड सैटेलाइट इंटरनेट सेवा लॉन्च करने की योजना बना रही है. इस दिशा में एक बड़ा कदम यह है कि Starlink अब भारत के लिए अपना स्थायी CEO नियुक्त करने जा रही है. करीब 10 महीने पहले कंपनी ने भारत में अपने ऑपरेशन्स के लिए दिल्ली में एक कंपनी सेक्रेटरी की नियुक्ति की थी. अब Starlink अपनी कोर टीम खड़ी कर रही है, जो दिल्ली में एक अस्थायी ऑफिस से काम कर रही है.
दूर-दराज क्षेत्रों तक इंटरनेट पहुंचाने का लक्ष्य
Starlink के ग्लोबल लाइसेंसिंग हेड, पर्निल उर्ध्वरेशे भारत सरकार से संवाद की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं. उन्होंने कंपनी को GMPCS लाइसेंस दिलाने में अहम भूमिका निभाई और ऑपरेशनल सेटअप के दौरान भी लाइसेंस से जुड़ी प्रक्रिया को देखते रहेंगे.
Starlink का मकसद है देश के दूर-दराज और इंटरनेट से वंचित क्षेत्रों तक तेज और कम लेटेंसी वाली इंटरनेट सेवा पहुंचाना. भारत में CEO की नियुक्ति और लोकल टीम का गठन, कंपनी की गंभीरता और योजना की दिशा को दर्शाता है.
DoT ने जून में दिया था यूनिफाइड लाइसेंस
Starlink ने 2021 में भारत में एंट्री की घोषणा की थी और उस वक्त बिना लाइसेंस ही प्री-बुकिंग शुरू कर दी थी. बाद में सरकार के निर्देश पर बुकिंग बंद करनी पड़ी और 5,000 से ज्यादा ग्राहकों का पैसा वापस किया गया.
6 जून 2025 को भारत सरकार के दूरसंचार विभाग (DoT) ने Starlink को यूनिफाइड लाइसेंस दे दिया, जिसमें GMPCS, VSAT और ISP कैटेगरी-A जैसी सेवाएं शामिल हैं. यह मंजूरी तब मिली जब कंपनी ने राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े नियमों, जैसे कि कानूनी इंटरसेप्शन और लोकल इंफ्रास्ट्रक्चर की स्थापना के लिए प्रतिबद्धता दिखाई.
ट्रायल स्पेक्ट्रम मिलने का इंतजार
इसके बाद 8 जुलाई 2025 को IN-SPACe (Indian National Space Promotion and Authorisation Centre) ने Starlink को 2030 तक भारत में अपनी पहली सैटेलाइट कॉन्स्टेलेशन चलाने की मंजूरी दे दी. यह फैसला कई दौर की बातचीत और स्पेक्ट्रम के मुद्दों को हल करने के बाद लिया गया. सरकार ने स्पेक्ट्रम को एडमिनिस्ट्रेटिव असाइनमेंट के तहत मंजूर किया, जो Starlink की मांग थी.
अब कंपनी ट्रायल स्पेक्ट्रम मिलने का इंतजार कर रही है, जिसके बाद तकनीकी और सुरक्षा मानकों को पूरा करने के लिए ट्रायल शुरू किए जाएंगे. इसके साथ ही, कंपनी को ग्राउंड इंफ्रास्ट्रक्चर जैसे कि गेटवे, अर्थ स्टेशन और नेटवर्क ऑपरेशन सेंटर भी तैयार करना होगा, जिसमें कुछ महीने लग सकते हैं.
क्या Jio-Airtel को टक्कर दे पाएगी Starlink?
अब सवाल यह है कि क्या Starlink- Jio, Airtel या Vi को सीधी टक्कर देगी? तो जवाब है - नहीं. Starlink का टार्गेट है देश के ऐसे दूरदराज इलाके जहां आज तक इंटरनेट नहीं पहुंचा. इसके लिए Starlink सैटेलाइट से सीधे इंटरनेट देगा, यानी फाइबर या टावर की जरूरत नहीं. हालांकि, इसके लिए एक खास किट की जरूरत होगी और इसकी कीमत और सेटअप प्रक्रिया चुनौती बन सकती है.
वहीं, Jio और Airtel पहले से ही शहरों और गांवों में तेज़ और सस्ती इंटरनेट सर्विस दे रहे हैं. ऐसे में Starlink भारत में इंटरनेट की पहुंच बढ़ाएगी, लेकिन ट्रेडिशनल टेलीकॉम कंपनियों को सीधे नुकसान नहीं पहुंचाएगी.












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