नयी दिल्ली, 31 मार्च सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र के चार बैंकों में 14,500 करोड़ रुपये की पूंजी डाली है। यह पूंजी मुख्य रूप से उन बैंकों की वित्तीय सेहत में सुधार के लिये उपलब्ध करायी गयी है, जो रिजर्व बैंक के तत्काल सुधारात्मक कार्रवाई रूपरेखा के अंतर्गत हैं।
इंडियन ओवरसीज बैंक, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया और यूको बैंक फिलहाल भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की उक्त रूपरेखा के अंतर्गत हैं। इसके तहत उन पर कर्ज देने, प्रबंधन क्षतिपूर्ति और निदेशकों को शुल्क समेत कई तरह की पाबंदियां हैं।
कुल राशि में से 11,500 करोड़ रुपये तीन तीनों बैंकों को जबकि शेष 3,000 करोड़ रुपये बैंक ऑफ इंडिया को उपलब्ध करायी गयी है।
सरकार की अधिसूचना के अनुसार सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया को 4,800 करोड़ रुपये, इंडियन ओवरसीज बैंक को 4,100 करोड़ रुपये तथा कोलकाता के यूको बैंक को 2,600 करोड़ रुपये की पूंजी उपलब्ध करायी गयी है।
पूंजी डाले जाने से इन बैंकों को रिजर्व बैंक के तत्काल सुधारात्मक कार्रवाई रूपरेखा से बाहर आने में मदद मिलेगी।
पूंजी बिना ब्याज वाले बांड (रिकैपिटलाइजेशन बांड) के जरिये डाली गयी है जिसकी मियाद 31 मार्च, 2031 और 31 मार्च, 2036 है।
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