नई दिल्ली, 18 अक्टूबर: केंद्र ने अग्निपथ योजना के खिलाफ दायर याचिकाओं पर जवाब देते हुए दिल्ली उच्च न्यायालय से कहा कि सशस्त्र बलों में भर्ती की इस योजना में कोई खामी नहीं है और उसने राष्ट्र की सुरक्षा को बदलती सैन्य जरूरतों के ‘‘अनुकूल, मजबूत एवं अभेद्य बनाने के लिए’’ अपने मुख्य कार्य के तहत यह नीतिगत फैसला किया है. 'अग्निवीरों' को रक्षा मंत्रालय में भी मिलेगा 10 फीसदी आरक्षण.
अग्निपथ योजना के खिलाफ दायर कई याचिकाओं और कुछ पहले के विज्ञापनों के तहत सशस्त्र बलों में भर्ती प्रक्रियाओं से संबंधित याचिकाओं के जवाब में दायर एक समेकित जवाबी हलफनामे पर केंद्र ने अपना उत्तर दिया.
समाज को कुशल श्रमशक्ति प्रदान करेंगे सेवानिवृत्त अग्निवीर
Agnipath will make armed forces younger; retired agniveers will provide skilled manpower to society: Central government to Delhi High Court
report by @prashantjha996 https://t.co/Eqsw1vpooF
— Bar & Bench (@barandbench) October 18, 2022
केंद्र ने उच्च न्यायालय से कहा कि ‘‘सीमा संबंधी विशेष स्थितियों’’ वाले भारतीय क्षेत्र की बाहरी और आंतरिक खतरों से रक्षा के लिए चुस्त, युवा और तकनीकी रूप से कुशल सशस्त्र बलों की आवश्यकता होती है और अग्निपथ योजना का उद्देश्य औसत आयु प्रोफाइल को मौजूदा 32 वर्ष से कम करके 26 वर्ष करना है.
केंद्र सरकार ने कहा कि अग्निपथ योजना के माध्यम से भर्ती में ‘‘योग्यता पर आधारित, पारदर्शी और मजबूत मूल्यांकन प्रक्रिया’’ का इस्तेमाल शामिल है और सभी इच्छुक कर्मियों को नियमित काडर के तौर पर भर्ती के लिए प्रतिस्पर्धा करने का उचित अवसर प्रदान किया जाएगा और अंततः देश के पास एक ‘‘राष्ट्रवादी, अनुशासित और कुशल जनशक्ति होगी तथा बाहर निकलने वाले अग्निवीर देश और समाज के लिए पूंजी होंगे.’’
केंद्र ने अपने हलफनामे में कहा, ‘‘भारत सरकार ने योजना को लागू करने संबंधी नीतिगत फैसला राष्ट्र की सुरक्षा को बदलती सैन्य जरूरतों के अनुकूल, मजबूत एवं अभेद्य बनाने के लिए अपने मुख्य कार्य के तहत लिया है.’’ केंद्र ने यचिकाओं को खारिज किए जाने का अनुरोध किया.