Dilip Kumar की वो बेमिशाल 10 फिल्में जिन्होंने उन्हें हिंदी सिनेमा का मुगल-ए-आजम बना दिया
दिलीप कुमार की फिल्में (Image Credit: Instagram)

भारतीय सिनेमा के जाने-माने अभिनेता दिलीप कुमार (Dilip Kumar) ने बुधवार को दुनिया को अलविदा कह दिया, लेकिन उनके बेहतरीन अभिनय की छाप हमेशा फिल्म जगत पर रहेगी। अपने शानदार अभिनय से दिलीप कुमार ने दर्शकों को इस तरह खुद से बांधा कि उनके चाहने वालों ने उन्हें ‘ट्रेजेडी किंग’ का नाम दे दिया। दशकों लंबे करियर में उनके बेहतरीन अभिनय के लिए पहचाने जाने वाली 10 फिल्में हैं:

(1). वर्ष 1960 में आई ‘मुग़ल-ए-आज़म’... निर्देशक के. आसिफ की इस फिल्म में दिलीप कुमार ने शहजादे सलीम की भूमिका निभाई थी, जिसे एक नर्तकी अनारकली से प्रेम हो जाता है और इस प्यार के लिए वह अपने पिता शहंशाह अकबर के खिलाफ खड़े हो जाते हैं। फिल्म में अनारकली की भूमिका मधुबाला और अकबर की भूमिका पृथ्वी राज कपूर ने निभाई थी।

(2). वर्ष 1957 में आई ‘नया दौर’ ... यह दो घनिष्ठ दोस्तों शंकर और कृष्णा की कहानी थी, जिसे एक ही महिला से प्रेम हो जाता है। फिल्म में दिलीप कुमार ने शंकर और अजीत ने कृष्णा की भूमिका निभाई थी। फिल्म में मशीन और मनुष्य के बीच का संघर्ष भी दिखाया गया है।

(3). वर्ष 1967 में आई ‘राम और श्याम’... भारतीय सिनेमा की पहली ऐसी फिल्म थी, जिसमें दो जुड़वा भाई बिछड़ जाते हैं। इस फिल्म में दिलीप कुमार ने राम और श्याम दोनों की भूमिका निभाई थी, दोनों ही किरदार एक-दूसरे से बिल्कुल अलग थे।

(4). वर्ष 1958 में आई ‘मधुमती’... बिमल रॉय की इस फिल्म की कहानी असाधारण तत्वों और पुनर्जन्म पर आधारित है, जिसमें दिलीप कुमार ने एक शहरी व्यक्ति आनंद की भूमिका निभाई है, जिसे एक आदिवासी महिला मधुमती से प्यार हो जाता है। फिल्म में मधुमति की भूमिका वैजयन्ती माला ने निभाई है।

(5). वर्ष 1955 में आई ‘देवदास’... फिल्म में दिलीप कुमार ने प्यार में डूबे एक आशिक की भूमिका निभाई थी, जिसकी प्रेमिका की शादी के बाद उसे शराब की लत लग जाती है। बिमल रॉय के निर्देशन में बनी इस फिल्म में दिलीप कुमार की अदाकारी को भारतीय सिनेमा के किसी अभिनेता द्वारा की गई बेहतरीन अदाकरी में से एक माना जाता है। उनका एक संवाद ‘‘कौन कमबख्त है जो बर्दाश्त करने के लिए पीता है’’ आज भी बहुत लोकप्रिय है।

(6). वर्ष 1961 में आई ‘गंगा जमुना’.... फिल्म की कहानी दो भाइयों के बीच की प्रतिद्वंता पर आधारित है, जिसमें एक भाई डकैत और एक पुलिस अधिकारी होता है। दिलीप कुमार ने ही इस फिल्म की कहानी लिखी और इसके निर्माता भी वह ही थे।

(7). वर्ष 1949 में आई ‘अंदाज’... फिल्म में दिलीप कुमार, नरगिस और राज कपूर मुख्य भूमिका में थे। यह प्रेम त्रिकोण पर आधारित कहानी है, जिसमें से किसी भी किरदार को जीवन में खुशी नहीं मिलती।

(8). वर्ष 1952 में आई ‘दाग’.... दिलीप कुमार ने इसमें एक गरीब परिवार के शख्स की भूमिका निभाई थी, जो परिवार में अकेला कमाने वाला है और अपने दुखों को शराब में डुबो देता है, लेकिन फिल्म के दूसरे पड़ाव में जिंदगी को एक और मौका दते हुए वह शराब पीना छोड़ शहर में कमाई के लिए आता है और वहीं उसे अपने जीवन का प्रेम पार्वती मिलती है।

(9). वर्ष 1982 में आई ‘शक्ति’ .... फिल्म में एक बदमाश, ईमानदार पुलिसकर्मी अश्विनी यानी दिलीप कुमार के बेटे विजय का अपहरण करता है और रिहाई के लिए एक अन्य बदमाश को छोड़ने की मांग करता है, लेकिन अश्विनी ऐसा करने से मना कर देते हैं। फिल्म में दिलीप कुमार के बेटे विजय की भूमिका अमिताभ बच्चन ने निभाई थी।

(10). 1986 में आई ‘कर्मा’.... दिलीप कुमार ने फिल्म में एक पूर्व पुलिस अधिकारी की भूमिका निभाई है, जो एक आतंकवादी संगठन के सरगना से अपना निजी बदला लेने के लिए तीन कैदियों का इस्तेमाल करता है, जिन्हें मौत की सजा दी गई थी। इन तीन कैदियों की भूमिका अनिल कपूर, जैकी श्रॉफ और नसरुद्दीन शाह ने निभाई है और आतंकवादी संगठन के सरगना का किरदार अनुपम खेर ने निभाया है।

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