Dilip Jaiswal On Opposition: कानून-व्यवस्था को लेकर 'इंडिया' ब्लॉक के नेताओं की ओर से मार्च निकाले जाने को लेकर बिहार सरकार के मंत्री दिलीप कुमार जायसवाल ने विपक्ष को उसके शासनकाल का आइना दिखाया है. जायसवाल ने कहा कि महागठबंधन के नेताओं को कोई नैतिक अधिकार नहीं है कि वे अपराध के बारे में बोलें. हमारे गृह विभाग ने आंकड़ा जारी किया है कि बिहार में पहले से अपराध कम हुआ है. महागठबंधन के नेताओं को पुराना इतिहास पढ़ना चाहिए। राजद सरकार के दौरान किस तरह मुख्यमंत्री आवास से अपहरण का समझौता हुआ करता था और अपराध मुख्यमंत्री आवास से चलता था, यह सब जानते हैं.
उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि विपक्ष की राजनीतिक दुकानदारी बंद हो गई है. विपक्ष में बैठे लोग कोई न कोई मुद्दा खोजेगे. जब राजनीति में कोई सत्ता से हट जाता है तो उसकी दुकानदारी बंद हो जाती है. यह सब राजनीतिक दुकानदारी चलाने का हथकंडा है. नीतीश कुमार जी के नेतृत्व में कानून का राज है. अपराधी अपराध करने के बारे में सोच नहीं सकता. कानून के तहत अपराधियों को सजा मिलती है. जीतन राम मांझी के बयान पर दिलीप जायसवाल ने कहा कि उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके कहा कि नीतीश कुमार एक "ऐसे नेता हैं, जिन्होंने मुझे मुख्यमंत्री बनाया". उन्होंने मुख्यमंत्री के प्रति कृतज्ञता जाहिर की है. केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान की जातीय जनगणना की मांग पर उन्होंने कहा कि जनगणना हो जाने में दिक्कत क्या है? यह भी पढ़ें: Dr. Dhananjay Kumar on Terrorism: आतंकवाद पर पाकिस्तान को किसी के ऊपर उंगली उठाने का नैतिक अधिकार नहीं
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आज दिल्ली से वापस आने वक्त पटना एयरपोर्ट पर मीडिया से वार्तालाप। pic.twitter.com/hUD2SqqdJZ
— Dr Dilip Jaiswal MLC 🇮🇳(Modi ka Parivar) (@DilipJaiswalBJP) July 21, 2024
सभी जाति के लोगों को सम्मान से जीने का अधिकार है. इससे पता चलेगा कि कौन सी जातियां विकास की मुख्यधारा से वंचित है. "सबका साथ, सबका विकास" पीएम मोदी का नारा है. हम चाहते हैं कि जातीय जनगणना हो जाए. बिहार विधानमंडल के मानसून सत्र को लेकर उन्होंने कहा कि कल से मानसून सत्र शुरू हो रहा है. कल से विपक्ष का नाच-गाना शुरू होगा। उनके नेता जितना सिखाएंगे उतना नाच-गाना वे लोग करेंगे. विपक्ष विरोध करेगा, लेकिन सरकार अपना काम करेगी. कांवड़ विवाद को लेकर दिलीप जायसवाल ने कहा कि जब हिंदू और सनातन धर्म के लोग कांवड़ लेकर चलते हैं तो सबको पता है कि मांस-मछली या किसी प्रकार की चीजों का सेवन नहीं करते हैं. हमारे मुसलमान भाई उस चीज का पालन करें, जिससे हमारी श्रद्धा बनी रहे. कोई भी श्रद्धालु कांवड़ लेकर निकलता है तो उसके दिल में रहता है कि हम श्रद्धा के साथ बाबा को जल चढ़ाएं. इसमें कोई जाति-धर्म की बात नहीं है. बात यह है कि इसमें श्रद्धा होनी चाहिए.