Manoj Kumar Death: बॉलीवुड के 'भारत कुमार' के नाम से प्रसिद्ध मनोज कुमार (Manoj Kumar) का जीवन कई अनसुनी कहानियों और रोचक तथ्यों से भरा हुआ है. आइए, उनके जीवन के कुछ ऐसे पहलुओं पर नजर डालते हैं जो कम ही लोगों को ज्ञात हैं:
1. दिलीप कुमार से प्रेरित नाम परिवर्तन: मनोज कुमार का असली नाम हरिकृष्ण गिरी गोस्वामी था. किशोरावस्था में उन्होंने दिलीप कुमार की फिल्म 'शबनम' देखी, जिसमें दिलीप कुमार के किरदार का नाम 'मनोज' था. इससे प्रभावित होकर उन्होंने अपना नाम 'मनोज कुमार' रख लिया.
2. अभिनय की शुरुआत में संघर्ष: अपने करियर के प्रारंभिक दिनों में, मनोज कुमार ने एक घोस्टराइटर के रूप में काम किया, जहां उन्हें प्रति सीन मात्र 11 रुपये मिलते थे. उनकी पहली भूमिका 1957 की फिल्म 'फैशन' में एक 80 वर्षीय भिखारी की थी, जिसे उन्होंने मात्र 19 वर्ष की आयु में निभाया था.
3. 'उपकार' का निर्माण और प्रधानमंत्री से प्रेरणा: 1965 में भारत-पाकिस्तान युद्ध के बाद, तत्कालीन प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री ने 'जय जवान जय किसान' का नारा दिया. इससे प्रेरित होकर मनोज कुमार ने 'उपकार' फिल्म का निर्माण किया, जिसमें उन्होंने एक सैनिक और किसान दोनों की भूमिका निभाई. यह फिल्म अत्यंत सफल रही और उन्हें 'भारत कुमार' की उपाधि दिलाई.
4. पाकिस्तानी कलाकारों के साथ काम: 1989 में, मनोज कुमार ने फिल्म 'क्लर्क' में पाकिस्तानी अभिनेता मोहम्मद अली और ज़ेबा को कास्ट किया, जो उस समय एक साहसिक कदम माना जाता था.
5. बेटे के करियर के लिए निर्देशन में वापसी: 1995 में अभिनय से संन्यास लेने के बाद, मनोज कुमार ने 1999 में अपने बेटे कुणाल गोस्वामी को लॉन्च करने के लिए 'जय हिंद' फिल्म का निर्देशन किया. यह फिल्म भी देशभक्ति पर आधारित थी, हालांकि बॉक्स ऑफिस पर सफल नहीं रही.
6. 'गंगाजल' और अन्य अधूरे प्रोजेक्ट्स: मनोज कुमार ने 1997 में 'गंगाजल' नामक फिल्म की घोषणा की थी, लेकिन यह परियोजना पूरी नहीं हो सकी. इसके अलावा, उन्होंने 'सोचो' (2001) और 'विद लव फ्रॉम इंडिया' (2004) जैसी फिल्मों की भी योजना बनाई, जो अंततः अधूरी रह गईं.
7. संगीत में योगदान: 1988 में, उनके बेटे विशाल गोस्वामी ने 'सुराही' नामक ग़ज़ल एल्बम रिलीज़ किया, जिसमें सभी गाने विशाल ने गाए थे और गीत मनोज कुमार ने लिखे थे. इस एल्बम की शुरुआत में राज कपूर ने कुछ पंक्तियाँ बोली थीं.
8. राजनीति में प्रवेश: फिल्मों से दूरी बनाने के बाद, मनोज कुमार राजनीति में सक्रिय हुए और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हो गए.
मनोज कुमार का जीवन संघर्ष, समर्पण और देशभक्ति की मिसाल है. उनकी अनसुनी कहानियाँ और उपलब्धियाँ सिनेमा प्रेमियों के लिए प्रेरणास्त्रोत बनी रहेंगी.













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