सभी प्रकार की खबरें लिखने का शौक रखती हूं. खबरों के अलावा कविता और कहानियां लिखने में भी रूचि रखती हूं.
देवी दुर्गा का अवतार काली माता को हिंदू संस्कृति में सबसे शक्तिशाली देवी माना जाता है. काली पूजा जल्द ही आने वाली है और यह देवी काली को समर्पित है. काली पूजा (Kali Puja), श्यामा पूजा (Shyama Puja) या महानिशी पूजा (Mahanishi Puja), पूर्वी राज्यों में विशेष रूप से कोलकाता, असम, त्रिपुरा, झारखंड, ओडिशा आदि में बहुत उत्साह और उमंग के साथ मनाई जाती है...
छोटी दिवाली (Choti Diwali) 2024, जिसे नरक चतुर्दशी (Narak Chaturdashi) या रूप चौदस (Roop Chaudas) के नाम से भी जाना जाता है, गुरुवार, 31 अक्टूबर, 2024 को मनाई जाएगी. यह दिन पांच दिवसीय दिवाली उत्सव का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और भव्य दिवाली (लक्ष्मी पूजा) से ठीक एक दिन पहले मनाया जाता है...
छोटी दिवाली, जिसे नरक चतुर्दशी, छोटी दीपावली, रूप चतुर्दशी और रूप चौदस के नाम से भी जाना जाता है, मुख्य दिवाली त्योहार से एक दिन पहले मनाया जाने वाला त्योहार है. छोटी दिवाली 2024 की तिथि गुरुवार, 31 अक्टूबर को है. यह दिन हिंदू संस्कृति में बहुत महत्व रखता है और इस दिन कई तरह के अनुष्ठान और उत्सव मनाए जाते हैं जो दिवाली की भव्यता के लिए मंच तैयार करते हैं...
29 अक्टूबर, 2024 को पड़ने वाला धनतेरस (Dhanteras) पांच दिवसीय दिवाली उत्सव की शुरुआत करता है. धनत्रयोदशी (Dhantrayodashi) के रूप में जाना जाने वाला यह दिन भगवान धन्वंतरि को समर्पित है, जो स्वास्थ्य और आयुर्वेद के देवता हैं, जिनके बारे में माना जाता है कि वे समुद्र मंथन के दौरान समुद्र से अमृत लेकर निकले थे...
धनतेरस (Dhanteras), जिसे धनत्रयोदशी (Dhantrayodashi) के नाम से भी जाना जाता है, दुनिया भर में मनाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण हिंदू त्यौहार है, जो दिवाली उत्सव की शुरुआत का प्रतीक है. 2024 में, धनतेरस 29 अक्टूबर को मनाया जाएगा. यह त्यौहार धन के देवता भगवान कुबेर और चिकित्सा के देवता भगवान धन्वंतरि की पूजा के लिए समर्पित है. यह शुभ अवसर सोने, चांदी, आभूषण और बर्तन सहित नई वस्तुओं की खरीद के लिए प्रसिद्ध है..
दिवाली (Diwali) आने ही वाली है घर-घर की सफाई का काम तेज़ हो गया है. हर घर में रसोई अक्सर एक ऐसी जगह होती है जो अव्यवस्थित हो जाती है. यहां तक कि सबसे छोटे कोने में भी ऐसी चीज़ें भरी होती हैं, जिनका इस्तेमाल सदियों से नहीं हुआ है...
दीवाली, रोशनी का त्यौहार, खुशी, उत्सव और जीवंत सजावट का समय है. इस त्यौहार के दौरान सबसे प्रिय परंपराओं में से एक रंगोली बनाना है, जो एक सजावटी आर्ट है, जो घरों और सार्वजनिक स्थानों को सजाती है. रंगोली डिज़ाइन में अक्सर कई तरह की सामग्री शामिल होती है...
दिवाली (Diwali), जिसे दीपावली (Deepavali) के नाम से भी जाना जाता है, भारत और दुनिया भर में हिंदू समुदायों के बीच सबसे जीवंत और व्यापक रूप से मनाए जाने वाले त्योहारों में से एक है. 'रोशनी के त्योहार' के रूप में जाना जाने वाला दिवाली न केवल घरों को दीयों और मोमबत्तियों से रोशन करने का समय है...
कालाष्टमी (Kalashtami) या काला अष्टमी (Kala Ashtami) भगवान भैरव को समर्पित एक महत्वपूर्ण हिंदू त्यौहार है. यह हर महीने कृष्ण पक्ष अष्टमी के आठवें दिन मनाया जाता है. भक्त भगवान भैरव की पूजा करते हैं और उनका आशीर्वाद पाने के लिए व्रत रखते हैं. पूर्णिमा के बाद आने वाला यह शुभ दिन भगवान काल भैरव की दिव्य कृपा प्राप्त करने के लिए अत्यधिक अनुकूल माना जाता है...
फ़िल्में या फ़िल्मों के कुछ ख़ास सीन असल ज़िंदगी से प्रेरित होते हैं. दूसरी ओर, फ़िल्में समाज पर भी गहरा असर छोड़ती हैं. हमने अलग-अलग फ़िल्मों में ऐसे कई दृश्य देखे हैं, जब प्रेमी जोड़े तमाम मुश्किलों का सामना करते हुए चुपके से मिलते हैं. असलियत में भी ऐसे ही उदाहरण देखने को मिलते हैं...
करवा चौथ (Karwa Chauth 2024) हिंदू कैलेंडर के अनुसार कार्तिक महीने की पूर्णिमा के चौथे दिन विवाहित महिलाओं द्वारा मनाया जाने वाला एक हिंदू त्यौहार है. इस साल यह त्यौहार 20 अक्टूबर को है. इस दिन, विवाहित हिंदू महिलाएँ पूरे दिन सूर्योदय के बाद भोजन या पानी की एक भी बूँद ग्रहण न करके 'निर्जला व्रत' या उपवास रखती हैं...
करवा चौथ (Karwa Chauth 2024) का व्रत कार्तिक के हिंदू महीने में कृष्ण पक्ष की चतुर्थी के दौरान किया जाता है और गुजरात, महाराष्ट्र और दक्षिणी भारत में पालन किए जाने वाले अमंत कैलेंडर के अनुसार करवा चौथ के दौरान आश्विन महीना होता है. हालांकि, यह केवल महीने का नाम है जो अलग है और सभी राज्यों में करवा चौथ एक ही दिन मनाया जाता है...
1984 में एनएसजी की स्थापना (NSG Raising Day 2024) के सम्मान में हर साल 16 अक्टूबर को राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड स्थापना दिवस मनाया जाता है. भारत में आतंकवादी हमलों और अन्य गंभीर सुरक्षा खतरों को एनएसजी द्वारा नियंत्रित किया जाता है, जो एक विशेषज्ञ आतंकवाद निरोधी बल है...
शरद पूर्णिमा (Sharad Purnima), रास पूर्णिमा (Raas Purnima) या कोजागिरी पूजा (Kojagiri Puja) एक पूजनीय हिंदू त्यौहार है, अश्विन पूर्णिमा के दिन देवी लक्ष्मी की पूजा की जाती है. सितंबर या अक्टूबर में मनाया जाने वाला यह त्यौहार मुख्य रूप से उड़ीसा, पश्चिम बंगाल और असम में मनाया जाता है...
विवाह स्वर्ग में तय होते हैं. यह जीवन भर की घटना दो आत्माओं को एक करती है. पति और पत्नी दोनों की जिम्मेदारी है कि वे जीवन भर एक-दूसरे के प्रति समर्पित रहें और हर मुश्किल समय में एक-दूसरे का साथ दें. आपसी प्रतिबद्धता और सहयोग विवाह को पूरा करता है और इसे सफल बनाता है...
हर साल नवरात्रि के समापन के साथ ही बुराई पर अच्छाई की जीत के प्रतीक के रूप में दशहरा (Dussehra 2024) का त्योहार मनाया जाता है. हिंदू कैलेंडर के अनुसार, विजयादशमी (Vijayadashami) का त्योहार आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है. इसलिए इसे विजयादशमी भी कहा जाता है...
बिजोया दशमी (Bijoya Dashmi 2024) एक हिंदू त्यौहार है जो भगवान राम की रावण पर जीत का प्रतीक है. यह राक्षस महिषासुर पर देवी दुर्गा की जीत और नवरात्रि के अंत को चिह्नित करने के लिए भी मनाया जाता है. दशहरा (Dussehra) या विजयादशमी (Vijyadashami) बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है और हिंदू कैलेंडर के अनुसार, यह अश्विन या कार्तिक महीने के दसवें दिन पड़ता है...
विजयादशमी (Vijayadashami) दुर्गा पूजा या पूजो उत्सव का पाचवां और अंतिम दिन है. बंगाली पारंपरिक रूप से एक-दूसरे को "शुभो बिजोया" कहकर शुभकामनाएं देते हैं. विजयादशमी को देश के अन्य हिस्सों में दशहरा, और दशईं के रूप में भी मनाया जाता है...
शहरा (Dussehra) एक बहुत ही शुभ और महत्वपूर्ण हिंदू त्यौहार है जिसे शरद नवरात्रि के बाद मनाया जाता है. इसे दसरा भी कहा जाता है, जबकि दशहरा भगवान राम की रावण पर जीत का जश्न मनाता है, उसी दिन विजयादशमी (Vijayadashami) मनाई जाती है, जब देवी दुर्गा ने राक्षस महिषासुर का वध किया था....
दशहरा (Dussehra 2024) एक महत्वपूर्ण हिंदू उत्सव है जो रावण पर भगवान राम की जीत का उत्सव है. इस अवसर को पश्चिम बंगाल (West Bengal) में विजयादशमी (Vijayadashami) के रूप में मनाया जाता है, जब लोग देवी दुर्गा की पूजा करते हैं, जिन्होंने महिषासुर नामक राक्षस का वध किया था....