नयी दिल्ली, 25 नवंबर : दिल्ली उच्च न्यायालय ने यस बैंक से जेसी फ्लावर्स एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनी को 48,000 करोड़ रुपये की तनावग्रस्त संपत्ति हस्तांतरित करने के मामले में दायर पीआईएल वापस लेने की अनुमति दे दी है. पूर्व राज्यसभा सदस्य सुब्रमण्यम स्वामी ने उक्त जनहित याचिका (पीआईएल) दाखिल करते हुए इस मामले में एक विशेषज्ञ समिति के गठन की मांग की थी.
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनमोहन की अध्यक्षता वाली पीठ ने पाया कि याचिका वापस लेने पर पक्षों को कोई आपत्ति नहीं है और इस तरह मामले में आगे की सुनवाई रद्द कर दी गई. पीठ ने 22 नवंबर को आदेश दिया, “वर्तमान रिट याचिका वापस ली गई मानकर खारिज की जाती है.” अदालत ने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने संपत्ति पुनर्निर्माण कंपनियों के लाइसेंस और संचालन के लिए दिशानिर्देश जारी किए हैं, जो याचिकाकर्ता के अनुसार पूंजी पर्याप्तता, शासन, जोखिम प्रबंधन और प्रकटीकरण आवश्यकताओं के मुद्दों को कवर करते हैं.
अदालत ने कहा कि कुछ मामलों में संपत्ति पुनर्निर्माण कंपनियों (एआरसी) और बैंकों के बीच साझेदारी के लिए आरबीआई और बाजार नियामक सेबी, दोनों से मंजूरी जरूरी हो सकती है. स्वामी ने इस साल उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर केंद्रीय वित्त मंत्रालय, भारतीय रिजर्व बैंक और भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) को बैंकों/एनबीएफएस या अन्य वित्तीय संस्थानों और एआरसी के बीच की गई व्यवस्थाओं को विनियमित करने का निर्देश देने की मांग की थी.
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)