नई दिल्ली: राष्ट्रीय महिला आयोग (National Women Commission) के पास पिछले 20 दिनों में गर्भवती महिलाओं की मदद के लिए 648 फोन कॉल आए. लोगों ने वेंटिलेंटर बेड से लेकर प्लाज्मा की जरूरत के लिए फोन किए. गत 29 अप्रैल को महिला आयोग ने ‘हैपी टू हेल्प’ अभियान के तहत गर्भवती महिलाओं की मदद के लिए एक हेल्पलाइन की शुरुआत की थी. इस हेल्पलाइन की शुरुआत के बाद से 40 लोगों का एक समूह गर्भवती महिलाओं की मदद के लिए सक्रिय है और अलग अलग जरूरत के मुताबिक लोगों की मदद कर रहा है.
महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने बताया कि इस हेल्पलाइन की शुरुआत के बाद से 648 गर्भवती महिलाओं और उनके शिशुओं की मदद के लिए फोन आए तथा इसके बाद उनकी मदद भी की गई . उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के बढ़ने के साथ प्लाज्मा की जरूरत बढ़ गई थी. रेखा शर्मा ने कहा, ‘‘इस हेल्पलाइन के शुरुआती दिनों में प्लाज्मा की जरूरत से जुड़े कई फोन कॉल आए। इसके बाद हमने कई ऐसे लोगों को फोन कर जरूरतमंदों की मदद के लिए आगे आने का आग्रह किया जो कोरोना संक्रमण से उबरे थे. यह भी पढ़े: कोरोना संकट: रेलवे ने श्रमिकों से की धैर्य रखने की अपील, कहां गर्भवती महिलाएं, वृद्ध न करें ट्रेन में सफर
महिला आयोग की अध्यक्ष ने एक उदाहरण देते हुए बताया कि बेंगलुरू की 29 वर्षीय एक गर्भवती महिला को वेंटिलेटर बेड की जरूरत थी. इस हेल्पलाइन पर फोन कॉल आने के बाद प्रयास किया गया और उसे आईसीयू में भर्ती कराया गया. महिला आयोग ने फोन पर परामर्श की सुविधा देने के लिए कई चिकित्सकों की सेवा भी ली है.
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