2 KM ऊंची बिल्डिंग! दुनिया की सबसे ऊंची इमारत बनाएगा सऊदी अरब! 678 मंजिला टॉवर के आगे बुर्ज खलीफा भी लगेगा बौना
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Saudi Arabia Rise Tower:  जब सोच में आसमान भी छोटा लगने लगे, तो बनता है सऊदी अरब जैसा सपना! अब दुबई का बुर्ज खलीफा जल्द ही "छोटा भाई" कहलाएगा, क्योंकि सऊदी अरब ने दुनिया की सबसे ऊंची इमारत बनाने का ऐलान कर दिया है — Rise Tower, जो 2,000 मीटर यानी लगभग 2 किलोमीटर ऊंचा होगा! जी हां, आप सही पढ़ रहे हैं — दोगुना बुर्ज खलीफा से!

5 अरब डॉलर (लगभग 41 हजार करोड़ रुपये) की लागत से बनने वाला यह महाटावर, रियाद में 'नॉर्थ पोल प्रोजेक्ट' का हिस्सा होगा. इसे Foster + Partners ने डिज़ाइन किया है और इसमें 678 मंजिलें होंगी.

बुर्ज खलीफा से भी दोगुना!

दुबई का बुर्ज खलीफा जिसकी ऊंचाई 828 मीटर है, अब इस नए निर्माण के सामने बौना नजर आएगा. यहां तक कि सऊदी का ही एक और महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट जेद्दाह टॉवर, जिसकी ऊंचाई 1,000 मीटर होगी, वो भी इसके सामने फीका पड़ जाएगा.

विशेषता Rise Tower Burj Khalifa
स्थान रियाद, सऊदी अरब दुबई, संयुक्त अरब अमीरात
ऊंचाई 2,000 मीटर (6,562 फीट) 828 मीटर (2,717 फीट)
मंज़िलें 678 163
निर्माण लागत $5 बिलियन (लगभग ₹41,000 करोड़) $1.5 बिलियन (लगभग ₹12,000 करोड़)
निर्माण वर्ष प्रस्तावित (लॉन्च तिथि घोषित नहीं) 2010
प्रोजेक्ट नॉर्थ पोल मेगासिटी, विज़न 2030 डाउनटाउन दुबई
मुख्य उपयोग होटल, ऑफिस, मनोरंजन, आवासीय होटल, ऑफिस, आवासीय
डिज़ाइन फोस्टर + पार्टनर्स (Foster + Partners) स्किडमोर, ओविंग्स एंड मेरिल (SOM)
विशेषताएँ हरित ऊर्जा, स्मार्ट ट्रांसपोर्ट, सस्टेनेबिलिटी विश्व की सबसे ऊंची इमारत (2010 से)

नॉर्थ पोल प्रोजेक्ट: जहां भविष्य बसता है 

Rise Tower केवल एक इमारत नहीं, बल्कि भविष्य की कल्पना है. यह टॉवर रियाद के 300 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैले नॉर्थ पोल मेगासिटी का केंद्रबिंदु होगा. इसमें लग्जरी होटल्स, एंटरटेनमेंट ज़ोन, फाइन डाइनिंग रेस्टोरेंट्स और अत्याधुनिक ऑफिस स्पेस होंगे.

इस शहर में हाई-टेक मेट्रो नेटवर्क और सेल्फ-ड्राइविंग व्हीकल्स होंगे. साथ ही, हरियाली और रिन्युएबल एनर्जी इस शहरी सपने की आत्मा होंगे.

Saudi Holding Company के CEO मोहम्मद अल-कहतानी ने कहा, "North Pole प्रोजेक्ट आधुनिकता और प्रकृति का अनोखा मेल है. ये न सिर्फ लोगों को नया अनुभव देगा, बल्कि रियाद को वैश्विक मानचित्र पर एक नई पहचान देगा." उनका दावा है कि यह प्रोजेक्ट हज़ारों नौकरियां पैदा करेगा, विदेशी निवेश लाएगा और सऊदी जीवनस्तर को एक नई ऊंचाई पर ले जाएगा.

लेकिन सपना इतना आसान नहीं... 

जहां एक ओर ये प्लान Vision 2030 के तहत तैयार किया गया है, वहीं दूसरी ओर NEOM सिटी की धीमी रफ्तार को देखकर लोगों को कुछ संदेह भी है. ड्रोन से ली गई ताजा तस्वीरों में जहां मजदूरों की बस्ती जरूर बन चुकी है, वहीं NEOM के मेन स्ट्रक्चर में कोई खास प्रगति नज़र नहीं आ रही.

क्या Rise Tower समय पर बनेगा? क्या यह सऊदी अरब के सपनों को ऊंची उड़ान देगा? या फिर यह भी एक असंभव सी कल्पना बनकर रह जाएगा?

फिलहाल, दुनिया सांस रोककर इंतज़ार कर रही है — उस दिन का, जब इंसान फिर से गगनचुंबी ऊंचाई को छूने की कोशिश करेगा!