बीजिंग: चीन ने घोषणा की है कि उन्होंने कोरोनावायरस के पहले कोरोना वैक्सीन को सशर्त विपणन के लिए प्राधिकरण मंजूरी दे दी है. चीन के राष्ट्रीय बायोटेक ग्रुप (सीएनबीजी) के तहत बीजिंग बायोलॉजिकल प्रोडक्ट्स इंस्टीट्यूट लिमिटेड द्वारा विकसित निष्क्रिय चिकित्सा वैक्सीन को नेशनल मेडिकल प्रोडक्ट्स एडमिनिस्ट्रेशन (एनएमपीए) से मंजूरी मिली है. यह सिनोफार्मा से एफिलिएटेड है.
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के रिपोर्ट अनुसार, राज्य परिषद संयुक्त रोकथाम और नियंत्रण तंत्र के प्रेस कॉफ्रेंस में कहा गया कि नया कोरोना वैक्सीन कोरोनावायरस के खिलाफ 79.34 प्रतिशत प्रभावकारी है. नया वैक्सीन विश्व स्वास्थ्य संगठन और एनएमपीए के मानकों को भी पूरा करता है. एनएमपीए के उप प्रमुख चेन शिफी ने कहा कि प्रासंगिक कानूनों के अनुसार सशर्त मंजूरी दी गई है.
चीनी बायोफार्मास्युटिकल कंपनी सिनोवैक बायोटेक द्वारा बनाई गई कोविड-19 वैक्सीन के 18 लाख डोज गुरुवार को इंडोनेशिया पहुंच गए हैं. इसकी पुष्टि इंडोनेशियाई सरकारी अधिकारियों ने की है. समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, विदेश मंत्री रेटनो मासुर्डी ने कहा कि यह इंडोनेशिया में सिनोवैक वैक्सीन का दूसरा बैच है, इससे पहले 6 दिसंबर को 12 लाख डोज का पहला बैच आया था.
उन्होंने एक वर्चुअल प्रेस ब्रीफिंग में कहा, "इससे पहले ही इंडोनेशिया में सिनोवैक वैक्सीन की 30 लाख डोज हैं." स्वास्थ्य मंत्री बुदी गुनादि सादिकिन ने कहा कि कोविड-19 महामारी से लड़ने के लिए टीकाकरण करना इंडोनेशिया की प्रमुख रणनीतियों में से एक है. अपनी आबादी की इम्युनिटी बढ़ाने के लिए और कोरोनावायरस फैलने की श्रृंखला को तोड़ने के लिए इंडोनेशिया साल 2021 में अपनी 18 करोड़ आबादी का टीकाकरण करने की योजना बना रहा है. टीकाकरण का पहला सत्र जनवरी से अप्रैल के बीच होगा, इसमें 13 लाख चिकित्सा कर्मचारी, 1.74 करोड़ सार्वजनिक कर्मचारी और 2.15 करोड़ बुजुर्ग शामिल हैं. टीकाकरण का दूसरा सत्र अप्रैल 2021 से मार्च 2022 तक चलेगा, इसमें 6.39 करोड़ कमजोर लोगों और अन्य समूहों के 7.74 करोड़ लोगों का टीकाकरण किया जाएगा.