
Former ISRO Chairman K Kasturirangan Passed Away: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के पूर्व अध्यक्ष और प्रख्यात अंतरिक्ष वैज्ञानिक डॉ. के. कस्तूरीरंगन का निधन हो गया है. उन्होंने बेंगलुरु में अंतिम सांस ली. वे 83 वर्ष के थे. आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, डॉ. कस्तूरीरंगन पिछले कुछ समय से अस्वस्थ चल रहे थे.
डॉ. कस्तूरीरंगन का योगदान भारत की अंतरिक्ष वैज्ञानिक उपलब्धियों में बेहद अहम रहा है. वे 1994 से 2003 तक ISRO के अध्यक्ष रहे और इस दौरान उन्होंने कई महत्वपूर्ण उपग्रह प्रक्षेपणों का नेतृत्व किया. उनके कार्यकाल में भारत ने दूरसंवेदी उपग्रहों और संचार उपग्रहों के क्षेत्र में कई बड़ी उपलब्धियां हासिल कीं.
भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम के स्तंभ रहे
डॉ. कस्तूरीरंगन ने न सिर्फ अंतरिक्ष विज्ञान को दिशा दी, बल्कि शिक्षा और नीति निर्माण में भी उल्लेखनीय भूमिका निभाई. वे राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के मुख्य वास्तुकारों में शामिल रहे. उन्होंने भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम को जनहित से जोड़ने का कार्य भी बखूबी किया.
राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री ने जताया शोक
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डॉ. कस्तूरीरंगन के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है. प्रधानमंत्री मोदी ने अपने शोक संदेश में लिखा, "डॉ. कस्तूरीरंगन ने भारत के अंतरिक्ष क्षेत्र को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया. उनका जाना देश के लिए अपूरणीय क्षति है."
Former ISRO chairman K Kasturirangan passes away in Bengaluru: Officials
— Press Trust of India (@PTI_News) April 25, 2025
मिला था पद्म विभूषण
डॉ. कस्तूरीरंगन को विज्ञान और तकनीकी क्षेत्र में उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए भारत सरकार ने पद्म भूषण और पद्म विभूषण से सम्मानित किया था. वे भारतीय राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी और अन्य कई वैज्ञानिक संस्थानों के सम्मानित सदस्य भी रहे. बेंगलुरु स्थित उनके आवास पर अंतिम दर्शन के लिए वैज्ञानिक समुदाय, प्रशासनिक अधिकारी और आमजन की भीड़ उमड़ पड़ी.