गटर की गंध ने बताया यूरोप में कितनी भीषण है कोकीन की बाढ़
प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credit: Image File)

पुलिस, अस्पताल और गटर के रिकॉर्ड, इन्हें गौर से टटोलने पर पता चलता है कि जर्मनी और यूरोप किस कदर कोकीन में डूब रहे हैं.जर्मनी की संघीय अपराध पुलिस मुताबिक देश में कोकीन का इस्तेमाल तेजी से बढ़ रहा है. फेडरल क्रिमिनल पुलिस के प्रमुख होल्गर म्युंच कहते हैं कि जर्मनी में "कोकीन की बाढ़" आ चुकी है और ये तेजी से फैलती जा रही है. जर्मनी के आरएनडी मीडिया ग्रुप से बात करते हुए म्युंच ने कहा कि, उत्तर अमेरिकी बाजार में आई स्थिरता की वजह से ड्रग्स की ये तस्करी यूरोप पर केंद्रित हो चुकी है.

पुलिस और बीमा कंपनी के आंकड़ों से खुलता मामला

पुलिस प्रमुख ने यह दावा बीते बरसों में हुई छापेमारियों के बाद किया है. जर्मनी की प्रतिष्ठित न्यूज मैग्नीज डेय श्पीगल के मुताबिक, 2013 में जर्मन अधिकारियों ने कुल एक टन कोकीन पकड़ी थी. 2016 में यह आंकड़ा 5 टन, 2019 में 10 टन, 2022 में 20 टन और 2023 में 43 टन पहुंच गया. 2024 में यह आंकड़ा और ऊपर चला गया. पुलिस अधिकारियों ने माना कि वे सिर्फ 30 फीसदी सप्लाई का पता लगाने में ही सफल हो पा रहे हैं.

एक तरफ जहां कोकीन की सप्लाई बढ़ रही है, वहीं दूसरी तरफ बाजार में उसके दाम नहीं बढ़े हैं. इससे पता चलता है कि कोकीन की कमी नहीं है और तस्करों और विक्रेताओं के बीच नियमित सप्लाई को लेकर भरोसा बना हुआ है.

जर्मनी में स्वास्थ्य बीमा करने वाली एक कंपनी बारमर के मुताबिक, राजधानी बर्लिन और उसके पड़ोसी राज्य ब्रांडेनबुर्ग में ही 7,200 से ज्यादा ऐसे लोग हैं, जिनका कोकेन के कारण इलाज चल रहा है. बारमर के शोध के मुताबिक यह आंकड़ेृ 2023 के हैं और इनमें सबसे ज्यादा 20 से 39 साल के पुरुष हैं. 2019 में ऐसे लोगों की संख्या मात्र 870 थी. स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक, कोकीन का नशा करने वालों को हार्ट अटैक और स्ट्रोक का ज्यादा खतरा रहता है.

गटर से निकलता कोकीन का जिन्न

बीते साल आई एक रिपोर्ट के मुताबिक यूरोप के 72 शहरों में सीवर के पानी की जांच की गई. इनमें से 49 शहरों के गंदे पानी में कोकीन के सबूत मिले. यूरोप में कोकीन को लंबे समय तक पैसे वाले लोगों का नशा माना जाता रहा. लेकिन अब यह सस्ते दाम पर और आसानी से मिल रही है.

जर्मन राज्य बवेरिया के एक टीवी शो में पुलिस अधिकारियों ने बताया कि अब छात्र, कारपेंटर और प्लम्बर भी कोकीन का नशा करने लगे हैं. अधिकारियों के मुताबिक कई शहरों में छह से सात यूरो में कोकीन की एक खुराक मिल रही है.

अमेरिका के बजाए यूरोप की तरफ मुड़ती सप्लाई

अमेरिका में विदेशों से आने वाले लोगों और माल की अब कड़ी निगरानी हो रही है. मेक्सिको से सटी अमेरिका की दक्षिणी सीमा पर इसका असर साफ दिख रहा है. गैरकानूनी तरीके से सीमा पार करने वालों को हिरासत केंद्रों में रखा जा रहा है. और हाल के महीनों में ड्रग्स तस्करी के कई संदिग्धों को अल सल्वाडोर की कुख्यात सिकोर जेल भेज दिया गया है. अमेरिकी प्रशासन की यह कार्रवाई ड्रग्स तस्करों के लिए काम करने वाले पैंडलरों को डरा रही है. लिहाजा कई तस्करों का ध्यान यूरोप की तरफ घूम चुका है.

हाल ही में यूरोपीय देशों की साझा पुलिस यूरोपोल ने इक्वाडोर के साथ एक बड़े अभियान को अंजाम दिया. 13 मार्च 2025 को दक्षिण अमेरिकी देश में 73 टन कोकीन पकड़ी गई. स्थानीय पुलिस के साथ की गई संयुक्त कार्रवाई के दौरान 36 संदिग्धों को गिरफ्तार किया गया. यह अभियान जर्मन, स्पेन और इक्वाडोर की पुलिस ने मिलकर अंजाम दिया. यूरोपोल के मुताबिक आरोपी समुद्री जहाजों के सहारे दक्षिण अमेरिका से ड्रग्स यूरोप तक पहुंचा रहे थे.

इस कार्रवाई के महीने भर बाद, 17 अप्रैल 2025 को तुर्की में भी पुलिस ने अब तक का सबसे बड़ा एंटी ड्रग्स अभियान चलाया. पुलिस ने तड़के राजधानी अंकारा में 600 से ज्यादा ठिकानों पर छापे मारे गए. तुर्की के गृह मंत्रालय ने बताया कि हर संदिग्ध पर छह महीने से भी ज्यादा समय से नजर रखूी जा रही थी. जर्मनी, बेल्जियम, स्पेन और नीदरलैंड्स की पुलिस और यूरोपोल के साथ किए गए इस साझा अभियान में तुर्की की पुलिस ने 230 से ज्यादा संदिग्ध गिरफ्तार किए और 40 करोड़ डॉलर से ज्यादा की संपत्ति भी जब्त की.

जर्मनी कैसे बना तस्करों का अहम ठिकाना

यूरोपीय संघ के सदस्य 27 देशों और शेनगन जोन में शामिल अन्य देशों के आपसी बॉर्डर खुले हुए हैं. इन सभी देशों के बीच सड़क के साथ साथ अच्छी रेल कनेक्टिविटी भी है. यूरोपोल के मुताबिक यह सहूलियत भी तस्करों को यूरोप की तरफ खींच रही है.

नीदरलैंड्स का रोटेरडाम, यूरोप का सबसे बड़ा बंदरगाह है. रोटेरडाम और बेल्जियम के एंटवेर्प पोर्ट पर बीते साल 175 टन कोकीन जब्त की गई. ड्रग्स की खेप को इन बंदरगाहों से बाकी देशों तक पहुंचाने में जर्मनी की लोकेशन अहम भूमिका निभाती है. जर्मनी भौगोलिक रूप से यूरोपीय संघ के केंद्र में बसा देश है. उसकी सीमाएं नीदरलैंड्स, बेल्जियम, फ्रांस, स्विट्जरलैंड, ऑस्ट्रिया, चेक गणराज्य, पोलैंड और डेनमार्क से लगती हैं. पूर्वी और पश्चिमी यूरोप को जोड़ने वाला ज्यादातर रोड और रेल ट्रैफिक जर्मनी से होकर ही गुजरता है.

जर्मन अधिकारियों के मुताबिक हाल के सालों में नीदरलैंड्स और बेल्जियम के पोर्टों पर कड़ी चेंकिंग की वजह से भी तस्कर जर्मनी के हैम्बर्ग बंदरगाहों का भी इस्तेमाल करने लगे हैं.

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