
बीजिंग और वाशिंगटन के बीच चल रहे व्यापार युद्ध में एक और कड़ी जुड़ गई है. चीन ने शुक्रवार को ऐलान किया कि वह शनिवार से अमेरिका से आयातित वस्तुओं पर शुल्क दर को 84% से बढ़ाकर 125% कर देगा. यह निर्णय ऐसे समय में आया है जब दोनों देशों के बीच व्यापारिक तनाव चरम पर है.
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने जहां कई देशों के लिए 90 दिनों की टैरिफ छूट की घोषणा की थी, वहीं चीन के आयात पर शुल्क बढ़ाकर प्रभावी दर 145% तक पहुंचा दी. इसके जवाब में चीन ने भी हर अमेरिकी कार्रवाई का माकूल जवाब देते हुए लगातार टैरिफ में वृद्धि की है.
विशेषज्ञों का कहना है कि इस "टिट फॉर टैट" (tit-for-tat) नीति से वैश्विक बाजारों में अनिश्चितता और चिंता का माहौल बनता जा रहा है. निवेशकों को आशंका है कि अगर दोनों देश अपने-अपने शुल्कों में ऐसे ही इजाफा करते रहे, तो यह व्यापार युद्ध लंबे समय तक खिंच सकता है, जिससे वैश्विक व्यापार और अर्थव्यवस्था पर गहरा असर पड़ेगा.
BREAKING: China to increase tariffs on US goods to 125%
— The Spectator Index (@spectatorindex) April 11, 2025
चीन के लिए यह स्थिति और भी जटिल हो गई है क्योंकि वह अब भी कोविड-19 के बाद की आर्थिक सुस्ती से जूझ रहा है. घरेलू मांग कमजोर बनी हुई है, और रियल एस्टेट सेक्टर के संकट के चलते लोगों में निवेश को लेकर भरोसा कम हो गया है. साथ ही, चीन को अब फिर से डिफ्लेशन यानी महंगाई दर के गिरने की चुनौती का सामना करना पड़ रहा है.