नई दिल्ली: पहलगाम में हुए आतंकी हमले को लेकर सोशल मीडिया पर विवादित टिप्पणियां करने के मामले में देशभर में 7 राज्यों से 26 लोग गिरफ्तार किए गए हैं. गिरफ्तार लोगों में असम के विपक्षी पार्टी AIUDF के विधायक, एक पत्रकार, वकील, और एक छात्र शामिल हैं. इन लोगों पर देशविरोधी टिप्पणियां करने का आरोप है, जिसके बाद पुलिस ने उनकी गिरफ्तारी की.
इस पूरे मामले में अब तक गिरफ्तारियों का सिलसिला जारी है, और यह घटना सोशल मीडिया पर होने वाली गतिविधियों की गंभीरता को एक बार फिर उजागर करती है. इस घटना में सबसे अधिक गिरफ्तारी असम से हुई है, जहां कुल 14 लोग पकड़े गए. अन्य राज्यों में मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड, उत्तर प्रदेश, मेघालय, त्रिपुरा और असम से गिरफ्तारी की गई है.
असम में विपक्षी विधायक की गिरफ्तारी
पहलगाम हमले पर विवादित टिप्पणी करने के लिए असम के विपक्षी पार्टी AIUDF के विधायक अमीनुल इस्लाम को गिरफ्तार किया गया. उन्होंने 2019 के पुलवामा हमले और 22 अप्रैल के पहलगाम हमले को 'सरकार की साजिश' करार दिया था, जिसके बाद उनके खिलाफ राजद्रोह का मामला दर्ज किया गया. 25 अप्रैल को उन्हें चार दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया. इस गिरफ्तारी को लेकर राजनीतिक प्रतिक्रियाएं भी सामने आई हैं, खासकर असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने इसे 'राज्यविरोधी' गतिविधियों के खिलाफ सख्त कदम के रूप में देखा है.
मध्यप्रदेश में गेस्ट लेक्चरर की गिरफ्तारी
मध्यप्रदेश में भोपाल के एक कॉलेज के गेस्ट लेक्चरर नसीम बानो को 25 अप्रैल को गिरफ्तार किया गया, क्योंकि उन्होंने पहलगाम हमले के संदर्भ में विवादित वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किया था. हालांकि नसीम बानो ने दावा किया कि वह वीडियो उन्होंने खुद नहीं बनाया था, और यह गलती से व्हाट्सएप स्टेटस पर लग गया था. बावजूद इसके पुलिस ने कार्रवाई की और लेक्चरर को गिरफ्तार किया. इस गिरफ्तारी के बाद राज्य में एबीवीपी छात्र संगठन ने कड़ी कार्रवाई की मांग की है.
त्रिपुरा में रिटायर्ड शिक्षकों की गिरफ्तारी
विवादित टिप्पणी के मामले में त्रिपुरा से चार गिरफ्तारियां हुईं, जिनमें दो रिटायर्ड शिक्षक भी शामिल हैं. आरोपियों ने सोशल मीडिया पर ऐसी टिप्पणियां की थीं, जो सरकार और देश के खिलाफ थीं. इन गिरफ्तारी के बाद त्रिपुरा पुलिस ने कहा कि वे इस मामले की जांच कर रहे हैं और जो भी राष्ट्रविरोधी गतिविधियों में शामिल पाए जाएंगे, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
असम मुख्यमंत्री का बयान
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने इस मामले में बयान देते हुए कहा, "हम सभी सोशल मीडिया पोस्ट्स की जांच कर रहे हैं. अगर किसी पोस्ट में राष्ट्रविरोधी गतिविधियां पाई जाती हैं, तो हम राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) लगाने पर विचार करेंगे. भारत और पाकिस्तान के बीच कोई समानता नहीं हो सकती, दोनों देशों के बीच संबंध हमेशा ही दुश्मनी के रहे हैं और हमें यह स्थिति कायम रखनी चाहिए."
यह घटनाएं सोशल मीडिया पर की जाने वाली टिप्पणियों के गंभीर परिणामों को दर्शाती हैं. सोशल मीडिया के जरिए अब कोई भी व्यक्ति आसानी से अपनी राय साझा कर सकता है, लेकिन इससे जुड़ी जिम्मेदारी भी बढ़ गई है. अगर कोई टिप्पणी देश या सरकार के खिलाफ होती है, तो उसे गंभीरता से लिया जाता है, और इसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाती है. यह मामले इस बात का संकेत देते हैं कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर की जाने वाली गतिविधियों पर अब अधिक कड़ी निगरानी रखी जाएगी.













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