![Coronavirus: ट्रंप ने ट्वीट में COVID-19 को बताया चीनी वायरस तो UNESCO ने कहा- इसका राष्ट्रीयता से कोई संबंध नहीं, जानें Spanish Flu, Japanese Encephalitis जैसे नामों के बारे में Coronavirus: ट्रंप ने ट्वीट में COVID-19 को बताया चीनी वायरस तो UNESCO ने कहा- इसका राष्ट्रीयता से कोई संबंध नहीं, जानें Spanish Flu, Japanese Encephalitis जैसे नामों के बारे में](https://hist1.latestly.com/wp-content/uploads/2020/03/Donald-Trump-1-380x214.jpg)
Coronavirus: कोरोना वायरस के प्रकोप (Coronavirus Outbreak) के चलते दुनिया भर में मरने वालों का आंकड़ा तेजी से बढ़ता जा रहा है. इस महामारी के चलते मरने वालों का आंकड़ा 7800 के पार पहुंच गया है, जबकि इटली में इसकी चपेट में आकर होने वाली मौतों की संख्या 2500 को पार कर गई है. भारत में अब तक 139 कोरोना वायरस (Cornoavirus In India) मामलों की पुष्टि हो चुकी है, जबकि कोविड-19 (COVID-19) की चपेट में आकर अब तक तीन लोगों की मौत हो चुकी है. इस महामारी के तेजी से बढ़ते प्रकोप से दुनिया भर में दहशत का माहौल है. बता दें कि दिसंबर 2019 में चीन (China)के वुहान (Wuhan) से कोरोना वायरस फैला था, जिसने देखते ही देखते दुनिया के अधिकांश देशों में अपना प्रकोप फैला दिया. कोरोना वायरस के फैले प्रकोप के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ट्वीट कर कोरोना वायरस को चीनी वायरस (China Virus) बताया.
डोनाल्ड ट्रंप ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर हाल ही में यह घोषणा की कि संयुक्त राज्य अमेरिका उनका समर्थन करेगा जो नोवेल कोरोना वायरस के प्रकोप से प्रमुख रुप से प्रभावित हैं. इसके साथ ही उन्होंने नोवेल कोरोना वायरस (Novel Coronavirus) को चीनी वायरस (China Virus) बताया. उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा- संयुक्त राज्य अमेरिका उन इंडस्ट्रीज का समर्थन करेगा जैसे कि एयरलाइन और अन्य, जो विशेष रूप से चीनी वायरस से प्रभावित हैं. हम पहले से कहीं अधिक मजबूत होंगे. यह भी पढ़ें: Coronavirus In USA: जुलाई तक अमेरिका में कोरोना वायरस का प्रकोप होगा खत्म, ट्रंप ने जताई उम्मीद
देखें ट्वीट-
The United States will be powerfully supporting those industries, like Airlines and others, that are particularly affected by the Chinese Virus. We will be stronger than ever before!
— Donald J. Trump (@realDonaldTrump) March 16, 2020
डोनाल्ड ट्रंप का यह ट्वीट इंटरनेट यूजर्स को रास नहीं आया और उन्होंने उनकी क्लास लगा दी. इनमें कुछ प्रमुख अधिकारी और रोग नियंत्रण व रोकथाम केंद्र के प्रमुख भी शामिल हैं. इंटरनेट पर यूजर्स ने कोरोना वायरस को चीनी वायरस बताए जाने को गलत और नस्लवाद को बढ़ावा देने वाला करार दिया है. कुछ ही घंटों बाद यूनेस्को (UNESCO) ने अप्रत्यक्ष रूप से डोनाल्ड ट्रंप की नस्लवादी टिप्पणी को खारिज करते हुए ट्वीट कर लिखा- वायरस की कोई राष्ट्रीयता नहीं है, जबकि एक दूसरे ट्वीट में यूनेस्को ने कहा कि कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई के लिए विज्ञान की जरूरत है, न कि कलंक लगाने की. हम साथ मिलकर कोविड-19 को हराएंगे.
यूनेस्को ने किया ट्वीट-
Kind quick reminder: viruses have no nationality.
— UNESCO (@UNESCO) March 17, 2020
हालांकि कोरोना वायरस को लेकर ट्रंप के नस्लवादी टिप्पणी पर इंटरनेट यूजर्स की मिलीजुली प्रतिक्रिया मिल रही है. कुछ लोगों ने कहा कि जापानी इन्सेफेलाइटिस, इबोला वायरस, स्पैनिश फ्लू, मध्य पूर्व श्वसन सिंड्रोम (एमईआरएस) और जर्मन खसरा जैसे नामों पर पहले कोई आपत्ति क्यों नहीं की गई. आइए जानते हैं ऐसी ही कुछ बीमारियों के बारे में जिन्हें उन स्थानों के नाम पर जाना जाता है, जहां से उनकी उत्पत्ति हुई. यह भी पढ़ें: कोरोना वायरस से इटली में कोहराम, 48 घंटे के अंदर 717 मौतें, मरने वालों का आंकड़ा 2,000 पहुंचा
यूजर्स की प्रतिक्रियाएं-
Kind quick reminder: viruses have no nationality.
— UNESCO (@UNESCO) March 17, 2020
जापानी इंसेफेलाइटिस (Japanese encephalitis)
हम लंबे समय से जापानी इंसेफेलाइटिस को इसी नाम से पुकारते रहे हैं. जेईवी, एशिया में वायरल इंसेफेलाइटिस का सबसे महत्वपूर्ण कारण डेंगू, पीला बुखार, वेस्ट नाइल वायरस जैसे वायरस से संबंधित है. साल 1871 में जापान में जापानी इंसेफेलाइटिस वायरल बीमारी का पहला मामला दर्ज किया गया था, तभी से इस बीमारी को इसी नाम से जाना जाता है.
इबोला (Ebola)
क्या आप जानते हैं कि इबोला बीमारी को यह नाम कैसे मिला? दरअसल, 1976 में कांगो नदी की सहायक इबोला नदी (वर्तमान डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ़ कांगो) से इसे यह नाम मिला है. ऐसा इसलिए है क्योंकि देश के उत्तर में यंबुकु गांव में एक स्कूल मास्टर इसका पहला शिकार हुआ था.
स्पैनिश फ्लू (Spanish flu)
सबसे घातक प्रकार के फ्लू में से एक है स्पैनिश फ्लू. साल 1918 में जब स्पेन के राजा अल्फोंसो को इस बीमारी ने अपना शिकार बनाया था, तब से इसे स्पैनिश फ्लू के नाम से जाना जाता है. यह फ्लू युवाओं और वयस्कों को अपना शिकार बनाता है और उनके लिए जानलेवा भी साबित हो सकता है. यह भी पढ़ें: Coronavirus Effect: चीन में अचानक बढ़े तलाक के मामले, वजह जो आप सोच रहे वह नहीं है
द मिडिल ईस्ट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम (The Middle East respiratory syndrome- MERS)
द मिडिल ईस्ट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम नोवेल कोरोना वायरस की तरह की एक अन्य वायरल श्वसन संबंधी बीमारी है. पहली बार इसकी पहचान साल 2012 में सऊदी अरब में हुई थी, इसलिए इसे इस नाम से पहचाना जाता है.
बहरहाल, चाहे कोरोना वायरस हो या कोई अन्य वायरस इनकी उत्पत्ति जहां से हुई है, उसी के अधार पर इन्हें नाम मिले हैं. वर्तमान में कोरोना वायरस दुनिया भर के लिए चुनौती बना हुआ है. ऐसे में हमें इस महामारी से निपटने के लिए एकजुट होने की आवश्यकता है और एक-दूसरे के समर्थन से ही इस जानलेवा बीमारी का सामना किया जा सकता है.