देश का सबसे बड़ा बैंक है, भारतीय स्टेट बैंक (SBI), जिसकी नींव ब्रिटिश शासनकाल में रखी गई थी, लेकिन समय समय पर इसका नाम बदलता रहा. इस बैंक की 69वीं वर्षगांठ के अवसर पर आइए जानते हैं इसके क्रमशः विकास और विश्वास के बढ़ते सफर के साथ कुछ रोचक कहानियाँ और जानकारियां…
शुरुआती सफर!
भारतीय स्टेट बैंक की नींव 02 जून 1806 को कलकत्ता में रखी गई थी. उस समय भारत पर ब्रिटिश हुकूमत का शासन था. और उसी समय बैंक ऑफ कलकत्ता अस्तित्व में आया था. इसके 3 तीन साल बाद बैंक को अपना चार्टर प्राप्त हुआ. 02 जनवरी 1809 में इसे बैंक ऑफ बंगाल नाम से जाना जाने लगा. यह बंगाल सरकार द्वारा प्रायोजित ब्रिटिश शाषित भारत का पहला संयुक्त स्टॉक बैंक था. यह भी पढ़ें : Shortage of Doctors: चिकित्सकों की कमी झेल रहा झारखंड, 3.50 करोड़ की आबादी पर मात्र 7,374 डॉक्टर
इंपीरियल बैंक ऑफ इंडिया!
भारत के बैंकिंग सेक्टर का तेजी से रफ्तार पकड़ रहा था. 15 अप्रैल 1840 में मुंबई में बैंक ऑफ बॉम्बे की स्थापना हुई, वहीं 3 साल बाद 01 जुलाई 1843 में बैंक ऑफ मद्रास की स्थापना हुई. ये बैंक वस्तुतः ईस्ट इंडिया कंपनी के लिए खोले गये थे. यह अलग बात है कि इनमें प्राइवेट सेक्टर्स की पूंजी लगी थी. इसके बाद बड़े ही योजनाबद्ध तरीके से 27 जनवरी 1921 में बैंक ऑफ मुंबई और बैंक ऑफ मद्रास को बैंक ऑफ बंगाल में मर्ज कर दिया गया. बाद में इसका नामकरण इम्पीरियल बैंक ऑफ इंडिया के रूप में कर दिया गया.
आजाद भारत का पहला आजाद बैंक!
गौरतलब है कि जिन तीन बैंकों को
इम्पीरियल बैंक ऑफ इंडिया में मर्ज किया गया था, उन तीनों के पास साल 1861 से ही करेंसी छापने का अधिकार प्राप्त था, जिसका लाभ इंपीरियल बैंक को भी मिला. इसी दरमियान ब्रिटिश हुकूमत को भारत से बोरिया बिस्तर बांधना पडा़. आजाद भारत में साल 1955 में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने इंपीरियल बैंक ऑफ इंडिया को पार्लियामेंटरी एक्ट के तहत अधिग्रहित कर लिया. इसके लिए स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, एक्ट 1955 लाया गया था.
30 अप्रैल 1955 को इम्पीरियल बैंक का नाम बदलकर भारतीय स्टेट बैंक (SBI) कर दिया गया. भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा नया नाम मिलने के बाद 01 जुलाई 1955 को आधिकारिक रूप से भारतीय स्टेट बैंक की स्थापना की गई. यही नहीं देश भर के इम्पीरियल बैंक द्वारा संचालित सभी 480 ऑफिस भी भारतीय स्टेट बैंक में समाहित हो गये. इसी साल स्टेट बैंक ऑफ इंडिया एक्ट पारित हुआ. अक्टूबर 1955 को स्टेट बैंक ऑफ हैदराबाद भारतीय स्टेट बैंक का पहला सहयोगी बैंक बना.
कदम-दर-कदम बढ़ता रहा ग्राफ !
करीब 7 साल पूर्व 01 अप्रैल 2017 को भारतीय स्टेट बैंक में स्टेट बैंक ऑफ बीकानेर एंड जयपुर, स्टेट बैंक ऑफ मैसूर, स्टेट बैंक ऑफ त्रवाणकोर, स्टेट बैंक ऑफ पटियाला और स्टेट बैंक ऑफ हैदराबाद को मर्ज किया गया. आज इसकी 22,500 शाखाएं और 58,000 एटीएम का विशाल नेटवर्क बन चुका है.