Infosys Layoff: इंफोसिस ने फिर निकाले 30 से 45 ट्रेनी, BPM में करियर का दिया ऑप्शन; श्रम विभाग से मिली क्लीन चिट
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Infosys Layoff: देश की दूसरी सबसे बड़ी आईटी कंपनी इंफोसिस (Infosys) ने अपने मैसूरु कैंपस से करीब तीन दर्जन से अधिक ट्रेनी को बाहर कर दिया है. ये सभी ट्रेनी कंपनी की आंतरिक परीक्षा (Internal Assessment) में पास नहीं हो पाए थे. इससे पहले, जनवरी में भी 350 से ज्यादा ट्रेनी को हटाया गया था, जिन्हें 2.5 साल की देरी के बाद ऑनबोर्ड किया गया था. हालांकि, कंपनी प्रभावित ट्रेनी को पूरी तरह से अकेला नहीं छोड़ रही है.

इंफोसिस ने इन्हें 12 हफ्तों का ट्रेनिंग प्रोग्राम ऑफर किया है, जिससे वे इंफोसिस बिजनेस प्रोसेस मैनेजमेंट (BPM) में करियर बना सकते हैं. इंफोसिस ने BPM कोर्स के लिए ट्रेनिंग का खर्च उठाने की भी पेशकश की है.

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एक्स-ग्रेसिया पेमेंट और रिलीविंग लेटर

कंपनी द्वारा भेजे गए ईमेल में कहा गया, "आपकी अंतिम परीक्षा के परिणामों के बाद आपको सूचित किया जाता है कि अतिरिक्त तैयारी, संदेह-निवारण सत्र और कई मॉक टेस्ट के बावजूद, आप ‘फाउंडेशन स्किल्स ट्रेनिंग प्रोग्राम’ की योग्यता प्राप्त नहीं कर सके हैं."

इंफोसिस ने इन ट्रेनी को एक महीने का एक्स-ग्रेसिया पेमेंट और रिलीविंग लेटर देने का फैसला किया है. साथ ही, जो BPM करियर नहीं अपनाना चाहते, उनके लिए कंपनी मैसूरु से बेंगलुरु और उनके गृह नगर तक यात्रा भत्ता और ट्रांसपोर्ट की सुविधा देगी. कंपनी ने प्रभावित ट्रेनी को 27 मार्च 2025 तक अपनी यात्रा और रहने की प्राथमिकताएं बताने के लिए कहा है. जो लोग तुरंत कैंपस छोड़ना चाहते हैं, वे इंफोसिस के एम्प्लॉई केयर सेंटर में अस्थायी रूप से रह सकते हैं.

इंफोसिस को क्लीन चिट

इससे पहले, कर्नाटक श्रम विभाग (Karnataka Labour Department) ने 27 फरवरी को इंफोसिस को क्लीन चिट दे दी थी. श्रम विभाग के अनुसार, "ये सभी केवल ट्रेनी थे, न कि नियमित कर्मचारी. उन्हें हटाने को छंटनी (Layoff) नहीं कहा जा सकता, इसलिए श्रम कानून लागू नहीं होते."

श्रम मंत्रालय ने इस मामले पर कर्नाटक श्रम आयुक्त और सचिव को रिपोर्ट देने के निर्देश दिए थे.

इंफोसिस का बयान

इंफोसिस का कहना है कि कंपनी अपनी मौजूदा नीति का पालन कर रही है. इसके अनुसार, जो ट्रेनी परीक्षा पास नहीं कर पाते, वे कंपनी के साथ आगे नहीं बढ़ सकते.