Interesting Facts of Islamic New Year 2025: सबसे अलग और अनोखा है इस्लामिक नववर्ष! जानें इससे जुड़े कुछ रोचक फैक्ट!
नया इस्लामी साल मुबारक 2025 (Photo Credits: File Image)

  इस्लामी नव वर्ष, जिसे हिजरी नववर्ष भी कहा जाता हैमुहर्रम माह के पहले दिन सेलिब्रेट किया जाता है. यह इस्लामी चंद्र कैलेंडर का पहला महीना बताया जाता है. यह दिन 622 ईस्वी में पैगंबर मुहम्मद के मक्का से मदीना के प्रवासजिसे हिजरा कहा जाता हैकी याद दिलाता है. मदीना में पैगंबर मुहम्मद का यह प्रवास इस्लामी इतिहास में एक महत्वपूर्ण मोड़ था, और इस्लामी युग की शुरुआत का प्रतीक भी है. यह दिन इस्लाम धर्म में एक आध्यात्मिक और ऐतिहासिक महत्व रखता है. आइये जानें इस्लामिक नववर्ष (संभावित 7 अगस्त 2025) के अवसर पर इससे जुड़े कुछ रोचक फैक्ट के बारे..

इस्लामी नव वर्ष के रोचक तथ्य: हिजरी कैलेंडर की शुरुआत हिजरत से हुई थीइस्लामी कैलेंडर की शुरुआत पैगंबर मोहम्मद (स.अ.) की मक्का से मदीना की हिजरत (प्रवासन) से हुई थीजो 622 ईस्वी में हुआ थाइस घटना को हिजरी कहते हैं. यह भी पढ़ें : Kedarnath Temple Mystery: महादेव का ऐसा धाम जहां 6 महीने देवता करते हैं शिवलिंग की पूजा, भगवान विष्णु और पांडवों से जुड़ी है इसकी कथा

यह एक चंद्र कैलेंडर (Lunar Calendar) हैइस्लामी साल चंद्रमा पर आधारित होता हैऔर इसमें 354 अथवा 355 दिन होते हैं. इसलिए हर साल इस्लामी नव वर्ष की तारीख ग्रेगोरियन कैलेंडर से लगभग 10-12 दिन पहले आ जाती है.

मुहर्रम इस्लामिक कैलेंडर का पहला महीना होता हैः नववर्ष मोहर्रम माह की पहली तारीख से शुरू होता है. यह महीना इस्लाम धर्म के चार पवित्र महीनों में से एक होता है.

दसवें दिन 'आशूराका विशेष महत्व हैमुहर्रम की 10वीं तारीख को आशूरा कहा जाता है. यह दिन विशेष रूप से शिया मुसलमानों के लिए बहुत महत्व रखता है, क्योंकि इसी दिन हजरत इमाम हुसैन (अ.स.) को कर्बला में शहीद किया गया था.

शोक और स्मरण: कुछ मुसलमानोंविशेष रूप से शियामुहर्रम के महीने को शोक और स्मरण के रूप में मनाते हैंविशेष रूप से पैगंबर मुहम्मद के पोते हुसैन इब्न अली की शहादत की याद में.

पारंपरिक उत्सव: कई मुसलमान इस्लामी नव वर्ष के अवसर पर प्रार्थना करते हैंउपवास करते हैंऔर परिवार और दोस्तों के साथ समय बिताते हैं.

इस्लामी नववर्ष सभी मुस्लिम देशों में साथ नहीं मनाया जाता: चंद्रमा के दीदार पर निर्भर होने के कारणयह नववर्ष अलग-अलग देशों में विभिन्न तारीखों को पड़ सकता है.

ऐतिहासिक महत्व: हिजरा की घटना इस्लामी इतिहास में एक महत्वपूर्ण मोड़ थीक्योंकि इसने पैगंबर मुहम्मद और उनके अनुयायियों को उत्पीड़न से बचने और मदीना में एक नए समुदाय की स्थापना करने में सक्षम बनाया.

सार्वजनिक अवकाश: कुछ देशों मेंविशेष रूप से मुस्लिम बहुसंख्यक देशों मेंइस्लामी नव वर्ष को सार्वजनिक अवकाश के रूप में घोषित किया जाता है.