लखनऊ, 9 मार्च: पैरों, टखनों और टांगों में सूजन ऊतकों में बहुत अधिक तरल पदार्थ का परिणाम हो सकता है जो किडनी विकार का संकेत भी हो सकता है. लखनऊ के किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) के डॉक्टरों ने सलाह दी है कि इस तरह की समस्या से जूझ रहे लोगों को अपने डॉक्टरों से सलाह लेनी चाहिए. नेफ्रोलॉजी विभाग के प्रमुख प्रोफेसर विश्वजीत सिंह ने कहा, करीब 30 प्रतिशत किडनी रोगी देर से आते हैं और फिर हमें डायलिसिस पर निर्भर रहना पड़ता है या किडनी प्रत्यारोपण का विकल्प चुनना पड़ता है. हम दो सरल परीक्षणों से किडनी की बीमारी का पता लगा सकते हैं. कई सरकारी अस्पतालों में ये परीक्षण मुफ्त हैं और चिकित्सा संस्थानों में न्यूनतम शुल्क पर उपलब्ध हैं. यह भी पढ़ें:
नेफ्रोलॉजी की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. माधवी गौतम ने कहा, अक्सर हाई बीपी और डायबिटीज के मरीजों को किडनी की समस्या होती है, क्योंकि हाई बीपी रक्त वाहिकाओं को संकुचित कर सकता है, जो अंतत: उन्हें नुकसान पहुंचाता है और कमजोर करता है. किडनी की खराबी का पहला लक्षण शरीर में पानी की मात्रा बढ़ना है, जल जिससे सूजन हो जाती है.