देशभर में शारदीय नवरात्रि (Sharad Navratri) की धूम है और हर किसी पर मां भगवती की भक्ति का रंग चढ़ा हुआ है. नवरात्रि (Navratri) मां दुर्गा (Maa Durga) की भक्ति और आराधना का एक ऐसा पर्व है, जिसे बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है. नवरात्रि के दौरान नौ दिनों तक मां भगवती के नौ स्वरुपों की पूजा-अर्चना की जाती है. इस दौरान भक्त नौ दिनों तक व्रत रखते हैं और देवी उपासना करते हैं. नवरात्रि की शुरुआत के साथ ही मां दुर्गा के विभिन्न मंदिरों (Temples) में भक्तों की भीड़ उमड़ने लगती है. इस दौरान भक्त देवी मां के प्रसिद्ध और सिद्ध मंदिरों में जाकर उनके दर्शन करते हैं. दरअसल, नवरात्रि के दौरान देवी मां के शक्तिपीठों (Shaktipeeth) में जाकर पूजा करने का खासा महत्व बताया जाता है.
हिंदू मान्यताओं के अनुसार, देश के जिन-जिन जगहों पर देवी सती के शरीर के हिस्से गिरे थे, उन स्थानों को शक्तिपीठ कहा जाता है. देवी के कुल 51 शक्तिपीठ बताए जाते हैं, जहां देवी मां के वस्त्र, आभूषण और शरीर के अंग गिरे थे. नवरात्रि में इन शक्तिपीठों के दर्शन करने मात्र से ही भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं. चलिए हम आपको बताते हैं देवी दुर्गा के कुछ प्रसिद्ध मंदिर, जहां नवरात्रि में जाकर आप देवी मां के दर्शन कर उनका आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं.
वैष्णो देवी मंदिर, जम्मू-कश्मीर
देवी मां के पवित्र मंदिरों में शुमार वैष्णो देवी मंदिर की महिमा से हर कोई वाकिफ है. जम्मू-कश्मीर के कटरा जिले में ऊंची पहाड़ी पर स्थित देवी के इस मंदिर में हर साल हजारों की तादात में श्रद्धालु पहुंचते हैं. माना जाता है कि वैष्णों देवी मां दुर्गा का ही अवतार हैं और माता के दरबार में आनेवाले भक्तों की हर मुराद पूरी होती है. यह भी पढ़ें: Navratri 2019 Colours List: शारदीय नवरात्रि के 9 दिन पहने इन रंगों के कपड़े, मां दुर्गा के नौ स्वरुपों की करें आराधना
ज्वाला देवी मंदिर, हिमाचल प्रदेश
हिमाचल प्रदेश स्थित कांगड़ा जिले के कालीधार पहाड़ पर मौजूद ज्वाला देवी मंदिर को देवी सती के 51 शक्तिपीठों में से एक माना जाता है. मान्यता है कि इस स्थान पर देवी सती की जिव्हा गिरी थी, इसलिए इस तीर्थ स्थल को ज्वाला देवी के नाम से जाना जाता है.
कामाख्या देवी मंदिर, असम
गुवाहाटी के पश्चिम में 8 किलोमीटर दूर नीलांचल पर्वत पर स्थित कामाख्या देवी मंदिर को माता के सभी शक्तिपीठों में सर्वोत्तम माना जाता है. मान्यता है कि इस स्थान पर देवी सती की योनि गिरी थी. इस मंदिर में एक गुफा के भीतर योनि का आकार बना हुआ है, जिसे पवित्र मानकर पूजा की जाती है.
दक्षिणेश्वर काली मंदिर, कोलकाता
नवरात्रि में कोलकाता के मां दक्षिणेश्वर काली मंदिर में भक्तों का सैलाब उमड़ता है. कहा जाता है कि जान बाजार की महारानी रासमणि को स्वप्न देकर मां काली ने निर्देश दिया कि मंदिर का निर्माण किया जाए. इसके बाद साल 1847 में मंदिर का निर्माण शुरु किया गया और साल 1855 में इसका कार्य पूरा हुआ.
दंतेश्वरी मंदिर, छत्तीसगढ़
नवरात्रि में अगर आप देवी दुर्गा के किसी मंदिर में दर्शन करने की सोच रहे हैं तो छत्तीसगढ़ के बस्तर क्षेत्र में स्थित दंतेवाडा़ के प्रसिद्ध दंतेश्वरी मंदिर के दर्शन कर सकते हैं. मान्यता है कि इस स्थान पर देवी सती का दांत गिरा था, जिसके चलते इस शक्तिपीठ का नाम दंतेश्वरी पड़ा. यह भी पढ़ें: Navratri 2019: डायबिटीज के मरीजों के लिए नवरात्रि का व्रत रखना फायदेमंद है या नुकसानदेह, जानिए क्या है डॉक्टर का सुझाव
महाकाली देवी मंदिर, उज्जैन
देवी मां का यह मंदिर मध्य प्रदेश के उज्जैन की एक छोटी सी पहाड़ी पर बना हुआ है. हिंदू मान्यताओं के अनुसार, देवी सती के ऊपर वाला होंठ इस जगह पर गिरा था. महाकाली देवी मंदिर में कालिका, महालक्ष्मी औऱ सरस्वती देवी की पूजा होती है. नवरात्रि के दौरान यहां भारी तादात में श्रद्धालु आते हैं.
मंगला गौरी मंदिर, बिहार
बिहार के गया में स्थित मंगला गौरी मंदिर भारत के मुख्य शक्तिपीठों में शुमार है. कहा जाता है कि इस स्थान पर देवी सती का वक्ष स्थल गिरा था. मान्यता है कि देवी के इस दरबार में आनेवाले भक्त कभी खाली हाथ नहीं लौटते हैं. यही वजह है कि नवरात्रि के दौरान देवी मां के इस मंदिर में दर्शन के लिए भक्तों का हुजूम उमड़ता है.
गौरतलब है कि देवी के इन प्रसिद्ध मंदिरों के अलावा कई ऐसे शक्तिपीठ हैं, जहां दर्शन मात्र से भक्तों के जीवन से सारे कष्ट दूर हो जाते हैं और मनोकामनाओं की पूर्ति होती है. देश के इन प्रसिद्ध मंदिरों में देवी मां के दर्शन के लिए भारी तादात में श्रद्धालु आते हैं.