Tulsi Vivah 2020: तुलसी विवाह पर आसान मेहंदी डिजाईन और पूजा विधि

तुलसी माता की पूजा करने वाली महिलाएँ खुबसुरती बढ़ाने के लिए हांथो में भरी मेहँदी लगायें तो और भी सुभ्कारी होता है.इसके बाद वहां एक रंगोली बनाएं और कमल के साथ ही शंख चक्र व गाय के पैर का चिन्ह बनाकर सर्वांग पूजा करनी चाहिए.

लाइफस्टाइल Bhasha|
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Tulsi Vivah 2020: तुलसी विवाह पर आसान मेहंदी डिजाईन और पूजा विधि

तुलसी माता की पूजा करने वाली महिलाएँ खुबसुरती बढ़ाने के लिए हांथो में भरी मेहँदी लगायें तो और भी सुभ्कारी होता है.इसके बाद वहां एक रंगोली बनाएं और कमल के साथ ही शंख चक्र व गाय के पैर का चिन्ह बनाकर सर्वांग पूजा करनी चाहिए.

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Tulsi Vivah 2020: तुलसी विवाह पर आसान मेहंदी डिजाईन और पूजा विधि
प्रतिकात्मक तस्वीर

शास्त्रों में कार्तिक मास को सबसे पवित्र माना गया है. कार्तिक मास में ही धनतेरस (Dhanteras), दिवाली (Diwali), छठ (Chhath) और तुलसी विवाह (Tulsi Vivah) जैसे पवित्र पर्व मनाए जाते हैं. मान्यताओं के अनुसार, कार्तिक मास में जो भी लोग नियमानुसार तुलसी जी की पूजा-अर्चना करते हैं, उन पर भगवान विष्णु की कृपा-दृष्टि हमेशा बनी रहती है.उसके साथ ही साथ तुलसी माता की पूजा करने वाली महिलाएँ खुबसुरती बढ़ाने के लिए हांथो में भरी मेहँदी लगायें तो और भी सुभ्कारी होता है.

यह भी पढ़ें : Tulsi Vivah 2020: कब है तुलसी विवाह, जानें शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और पौराणिक कथा

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, घर में तुलसी का होना बेहद शुभ माना जाता है. कहा जाता है कि जिस घर में तुलसी का वास होता है, वहां कभी भी यमदूत प्रवेश नहीं करते हैं. तुलसी का विवाह भगवान विष्णु के दूसरे रूप शालिग्राम (Shaligram) के साथ किया जाता है. कथा के अनुसार, भगवान विष्णु ने एक बार प्रसन्न होकर तुलसी को वरदान दिया था कि मुझे शालिग्राम के नाम से भी जाना जाएगा और जो भी उनका विवाह तुलसी के साथ कराएगा, उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होंगी. साथ ही तुलसी विवाह के इस पावन अवसर पर हम आपके लिए इजी और बहुत ही जल्दी ban जाने वाली मेहँदी डिजाईन लाये है जो आपके थोड़े से समय में खुबसुरती निखारने में मदत कर सकती है

यह भी पढ़ें : Tulsi Vivah 2019: ये आसान और सुंदर रंगोली डिजाइंस बनाकर तुलसी विवाह को बनाएं खास, देखें वीडियो

तुलसी विवाह की पूजा विधि :

शास्त्रों के अनुसार, तुलसी मां के चारों तरफ स्तंभ बनाने चाहिए. इन स्तंभों को तोरण से सजाना शुभ माना जाता है. साथ ही इन पर स्वास्तिक का शुभ चिन्ह भी बनाएं क्योंकि स्वास्तिक को भगवान गणेश का रूप माना गया है. इसके बाद वहां एक रंगोली बनाएं और कमल के साथ ही शंख चक्र व गाय के पैर का चिन्ह बनाकर सर्वांग पूजा करनी चाहिए.

शास्त्रों में कार्तिक मास को सबसे पवित्र माना गया है. कार्तिक मास में ही धनतेरस (Dhanteras), दिवाली (Diwali), छठ (Chhath) और तुलसी विवाह (Tulsi Vivah) जैसे पवित्र पर्व मनाए जाते हैं. मान्यताओं के अनुसार, कार्तिक मास में जो भी लोग नियमानुसार तुलसी जी की पूजा-अर्चना करते हैं, उन पर भगवान विष्णु की कृपा-दृष्टि हमेशा बनी रहती है.उसके साथ ही साथ तुलसी माता की पूजा करने वाली महिलाएँ खुबसुरती बढ़ाने के लिए हांथो में भरी मेहँदी लगायें तो और भी सुभ्कारी होता है.

यह भी पढ़ें : Tulsi Vivah 2020: कब है तुलसी विवाह, जानें शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और पौराणिक कथा

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, घर में तुलसी का होना बेहद शुभ माना जाता है. कहा जाता है कि जिस घर में तुलसी का वास होता है, वहां कभी भी यमदूत प्रवेश नहीं करते हैं. तुलसी का विवाह भगवान विष्णु के दूसरे रूप शालिग्राम (Shaligram) के साथ किया जाता है. कथा के अनुसार, भगवान विष्णु ने एक बार प्रसन्न होकर तुलसी को वरदान दिया था कि मुझे शालिग्राम के नाम से भी जाना जाएगा और जो भी उनका विवाह तुलसी के साथ कराएगा, उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होंगी. साथ ही तुलसी विवाह के इस पावन अवसर पर हम आपके लिए इजी और बहुत ही जल्दी ban जाने वाली मेहँदी डिजाईन लाये है जो आपके थोड़े से समय में खुबसुरती निखारने में मदत कर सकती है

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तुलसी विवाह की पूजा विधि :

शास्त्रों के अनुसार, तुलसी मां के चारों तरफ स्तंभ बनाने चाहिए. इन स्तंभों को तोरण से सजाना शुभ माना जाता है. साथ ही इन पर स्वास्तिक का शुभ चिन्ह भी बनाएं क्योंकि स्वास्तिक को भगवान गणेश का रूप माना गया है. इसके बाद वहां एक रंगोली बनाएं और कमल के साथ ही शंख चक्र व गाय के पैर का चिन्ह बनाकर सर्वांग पूजा करनी चाहिए.

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  • साइंस