Brisk Walking 2022:  तेज चलिए! बढ़ती उम्र पर ताला लगाइये और हार्ट अटैक की चाबी भी अपने पास रखिये. जानें क्या कहते हैं शोधकर्ता?
Walking (Photo Credits: Twitter)

पिछले दिनों हुए दो विभिन्न शोधों के बाद आई रिपोर्ट में पाया गया कि जीवन में तेज गति से चलने (Brisk Walking) वाले व्यक्ति अपनी बायोलॉजिकल उम्र से ना केवल 16 साल छोटे हो गये, बल्कि हार्ट अटैक की जोखिम को भी 34 प्रतिशत तक कम किया. आइये जानें विस्तार से...

हर फिटनेस एक्सपर्ट का मानना है कि नियमित पैदल चलने से इंसान बढ़ती उम्र में भी चुस्त-दुरुस्त बना रहता है. वह भीतर से भी स्वस्थ रहता है और बाहर से भी खिला-खिला रहता है. लीसेस्टर विश्व विद्यालय एवं लीसेस्टर बायो मेडिकल रिसर्च सेंटर के शोधकर्ताओं ने 4 लाख 5 हजार 981 मध्यम आयु वर्ग के यूके निवासियों के आनुवंशिक डेटा को देखा, जिनकी उम्र औसतन 50 वर्ष थी. कम्युनिकेशंस बायोलॉजी जर्नल में प्रकाशित शोध के अनुसार तेज गति से चलने वाले वयस्कों के एक बड़े ग्रुप में पाया गया कि वे अपनी रियल उम्र से 16 साल कम का होने का अहसास कर रहे हैं.

जो आंकड़े प्राप्त हुए उसके अनुसार आदतन तेज गति (3 किमी प्रति घंटे से अधिक) से चलने वाले लोगों में उनकी तुलना में धीमी गति से चलने वाले साथियों में लंबे टेलोमेरेस पाये गये. यह लाभ पैदल तेज चलने वालों को प्राप्त हुआ है. परिणाम महत्वपूर्ण है क्योंकि पूर्व में हुए शोधों ने तेज गति से चलने बढ़ती उम्र के लोगों के बीच एक लिंक को दर्शाया गया. कहने का आशय यही है कि तेज गति से चलने वाले उम्रदराज व्यक्ति अपने से छोटी उम्र के सामने भी युवाओं जैसे स्वस्थ एवं चुस्त-दुरुस्त दिखते हैं.

हार्ट अटैक का जोखिम भी कम होता है

तेज गति से चलने का एक फायदा हार्ट अटैक की संभावनाओं को कम करना भी है. शोध की रिपोर्ट्स के मुताबिक तेज गति से चलने वाली महिलाओं को हार्ट अटैक की संभावनाओं को 34 फीसदी कम करता है. अमेरिका की ब्राउन युनिवर्सिटी ने दो दशक तक महिलाओं पर किये शोध के बाद पाया कि बढ़ती उम्र में हार्ट पर पड़ने वाले खतरे को पैदल चल कर खत्म किया जा सकता है. दरअसल ब्राउन विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने 25 हजार से अधिक उम्रदराज महिलाओं पर बीस साल तक निरंतर शोध करने के बाद पाया कि मात्र 1455 महिलाएं ही हार्ट अटैक की चपेट में आईं. शोधकर्ताओं की रिपोर्ट के अनुसार इन महिलाओं का ह्रदय पूरे शरीर में ब्लड को पंप करने लायक नहीं रह जाता है. इस संदर्भ में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, शोध में उपस्थित महिलाओं की वॉकिंग समय पर सवाल किये गये थे. उनसे मिले जवाबों के आधार पर तैयार रिपोर्ट के आधार पर खुलासा हुआ कि तेज गति से चलने वाली महिलाओं में हार्ट अटैक का खतरा 34 प्रतिशत तक कम था.