
देहरादून: उत्तराखंड की यमुनोत्री यात्रा को एक दर्दनाक हादसे के बाद अस्थायी रूप से स्थगित कर दिया गया है. सोमवार को यमुनोत्री धाम से लगभग 1.5 किलोमीटर पहले स्थित नौ कैंची भैरव मंदिर के पास एक भूस्खलन की चपेट में आने से पिता-पुत्री की मौत हो गई, जबकि दो श्रद्धालु अब भी लापता हैं और एक व्यक्ति घायल हुआ है. हादसा सोमवार शाम करीब 4 बजे हुआ जब भारी बारिश के कारण पहाड़ों से बड़े-बड़े पत्थर नीचे लुढ़कने लगे. हादसे में उत्तर प्रदेश के जौनपुर के हरिशंकर (47) और उनकी 9 वर्षीय बेटी ख्याति की मौत हो गई. ये दोनों मंदिर की ओर पैदल यात्रा कर रहे थे, जब अचानक चट्टानें गिरने लगीं.
मुंबई निवासी रसिक भाई को SDRF की टीम ने सुरक्षित बाहर निकाला और उन्हें जनकीचट्टी के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया है. अब भी दिल्ली की 11 वर्षीय भावना शर्मा और मुंबई के ठाणे के 35 वर्षीय कमलेश जेठवा लापता हैं. SDRF और NDRF की टीमें लगातार तलाश में जुटी हैं.
यात्रा पर रोक
उत्तरकाशी के जिलाधिकारी प्रशांत कुमार आर्य ने घटना के बाद तत्काल यात्रा को जनकीचट्टी से ही रोक दिया. उन्होंने बताया कि “पैदल मार्ग पर रेलिंग क्षतिग्रस्त हो गई है और अब भी कुछ चट्टानें ढीली स्थिति में हैं. जब तक मरम्मत और सफाई का काम पूरा नहीं होता, यात्रा बंद रहेगी.” प्रशासन ने सभी तीर्थयात्रियों को नजदीकी शरण स्थलों में रुकने की सलाह दी है.
वैकल्पिक मार्ग बहाली की कोशिश
SDRF अधिकारी ने बताया कि "भूस्खलन क्षेत्र की स्थिति अभी भी अस्थिर है और अगले कुछ दिनों में बारिश की और संभावना है." इसी को देखते हुए प्रशासन ने भेनेली गाड़ नामक वैकल्पिक पैदल मार्ग को बहाल करने का काम शुरू कर दिया है, जिसे मंगलवार रात तक चालू किया जा सकता है.
बारिश ने बढ़ाई उत्तराखंड की चिंता
बीते एक हफ्ते में उत्तराखंड के कुछ हिस्सों में 490 फीसदी अधिक बारिश रिकॉर्ड की गई है. इससे राज्य के विभिन्न हिस्सों में लगातार भूस्खलन हो रहे हैं. मसूरी के कैम्पटी फॉल्स जैसे प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों पर भी हालात खराब हैं. पिछले साल जून से अब तक राज्य में 1,800 से ज्यादा भूस्खलन दर्ज किए गए हैं, जिसमें 82 लोगों की मौत और 28 लोग लापता हुए हैं.
श्रद्धालुओं को सतर्क रहने की सलाह
अब तक इस सीजन में 4.8 लाख से अधिक श्रद्धालु यमुनोत्री पहुंच चुके हैं, जिनमें से 17 की मृत्यु हो चुकी है, जिनमें अधिकतर मौतें हृदयगति रुकने और ऊंचाई की बीमारियों से हुई हैं. प्रशासन ने यात्रियों से मौसम की चेतावनियों का पालन करने और खराब मौसम में यात्रा से बचने की अपील की है.