बेहद खतरनाक है विशाखापत्तनम में फैलने वाली स्टीरिन गैस, संकट में पड़ी सैकड़ों जिंदगियां
गैस रिसाव I प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: Twitter)

हैदराबाद: आंध्र प्रदेश (Andhra Pradesh) के विशाखापत्तनम (Visakhapatnam) जिले में गुरुवार तड़के हुए दर्दनाक हादसे ने देश को झकझोर कर रख दिया है. एलजी पॉलिमर उद्योग (LG Polymers Industry) से देर रात करीब 2.30 बजे एक रासायनिक गैस का रिसाव हुआ. जिसने तीन किलोमीटर तक के अगल-बगल के इलाको को अपनी जद में ले लिया. इस घातक गैस की चपेट में हजारों लोग आ गए. अब तक आठ लोगों ने दम तोड़ दिया, जबकि दर्जनों गंभीर बताए जा रहे है. हालांकि अब गैस रिसाव पर काबू पा लिया गया है.

प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक अचानक एक केमिकल प्लांट से गैस के रिसाव से चारों तरफ अफरातफरी मच गई. चपेट में आने वाले लोगों को आंखों में जलन, सांस लेने में तकलीफ, जी मचलाना और शरीर पर लाल चकत्ते पड़ने लगे. जिससे घबरा कर लोग इधर-उधर दौड़ने लगे. इस दौरान कई लोग जमीन पर ही बेहोश होकर गिर पड़े. हालांकि गैस रिसाव शुरू होने की वजह पता नहीं चली है. इस मामलें में संबंधित मैनेजमेंट के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है. विशाखापत्तनम गैस रिसावः नगर निकाय ने निवासियों से किया आग्रह, कहा- घरों में ही रहें और फेस पर गीला मास्क लगाए

अधिकारियों ने बताया कि यह भयावह मंजर गोपालपत्तनम के तहत आने वाले वेंकेटपुरम गांव में स्थित एलजी पॉलिमर्स लिमिटेड के प्लांट से स्टाइरीन गैस (Styrene Gas) के रिसाव से हुआ है. स्टाइरीन एक बेरंग तरल गैस है जो आसानी से हवा में मिल जाती है. इसका मुख्यतः प्लास्टिक और रबर बनाने के लिए उपयोग किया जाता है. इसके इस्तेमाल से पैकेजिंग सामग्री, बिजली के उपयोग के लिए इन्सुलेशन (तार आदि), घरों और अन्य इमारतों के लिए इन्सुलेशन, फाइबर ग्लास, प्लास्टिक पाइप, ऑटोमोबाइल पार्ट्स, पीने के कप और अन्य सामान तैयार किए जाते है.

स्टाइरीन गैस के हवा में फैलने से सभी जीवित प्राणियों के लिए खतरा उत्पन्न हो सकता है. यह बेहद हानिकारक होता है. इसकी चपेट में आने से इंसानों का मुख्य रूप से ऊपरी श्वसन तंत्र प्रभावित होता है. विशाखापट्टनम हादसा: गैस रिसाव को लेकर पीएम मोदी ने मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी से की बात, एनडीएमए के साथ की बैठक- अब तक 7 की मौत

इसके संपर्क में लंबे समय तक रहने पर नर्वस सिस्टम को क्षति पहुंचती है. इसकी चपेट में आने वाले लोगों को सिरदर्द, थकान, कमजोरी, अवसाद, शिथिलता, संतुलन और एकाग्रता की समस्याएं और सुनाई कम देने जैसी समस्याएं होती है. इससे कैंसर होने का भी खतरा रहता है. यह बच्चों पर वयस्कों के स्वास्थ्य को एक समान प्रभावित करता है.