मोदी सरकार इस फार्मूला से राज्यसभा में आसानी से पास करवा सकती है 'ट्रिपल तलाक बिल', यह है पूरा गणित
राज्यसभा (Photo Credit: PTI)

राज्यसभा (Rajya Sabha) में एक बार फिर जल्द ही ट्रिपल तलाक बिल (Triple Talaq Bill ) को लेकर केंद्र सरकार और विपक्ष अपनी ताकत आजमाएंगे. राज्यसभा में इसे पारित करवाना सरकार के लिए चुनौती बन सकता है क्योंकि वहां सरकार के पास संख्या कम है. ट्रिपल तलाक में तीन तलाक देने वाले पुरुष के लिए सजा का प्रावधान है. लेकिन इस बिल को पास कराने के लिए बीजेपी की सरकार को कुछ गैर एनडीए, गैर-यूपीए पार्टियों पर निर्भर रहना पड़ेगा. इसके लिए बीजेपी को बीजू जनता दल (Biju Janata Dal), वाईएसआर कांग्रेस (YSR Congress ) और तेलंगाना राष्ट्र समिति (Telangana Rashtra Samithi) जैसे दलों से समर्थन की उम्मीद है. अगर ऐसा होता है तो राज्यसभा में तीन तलाक बिल पास हो सकता है.

बीजेपी इस तरह से करवा सकती है बिल पास: राज्यसभा में कुल सांसदों की संख्या 241 है. ऐसे अगर ट्रिपल तलाक बिल पास करवाना है तो 121 वोट की जरूरत पड़ेगी. राज्यसभा में बीजेपी के कुल 78 सांसद हैं. वहीं बीजेपी के सहयोगी दल (NDA) के सांसदों की संख्या इस प्रकार है, शिवसेना 3, एआईएडीएमके 11, शिरोमणी अकाली दल 3 के सांसद हैं. वहीं 12 मनोनीत और निर्दलीय सांसदों समेत कुल 113 सदस्यों का समर्थन हासिल है.

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लेकिन इसी में अगर बीजू जनता दल (Biju Janata Dal), वाईएसआर कांग्रेस (YSR Congress ) और तेलंगाना राष्ट्र समिति (Telangana Rashtra Samithi) दलों का समर्थन मिलता है तो ट्रिपल तलाक के समर्थन में 128 वोट पड़ेंगे. इससे बिल आसानी से पास हो जाएगा. RTI संशोधन बिल पास कराने में इन सभी पार्टियों ने केंद्र सरकार का समर्थन किया था. जिसके बाद अब उम्मीद और भी बढ़ जाती है.

लोकभा में पास हो चूका है ट्रिपल तलाक बिल

लोकसभा में तीन तलाक बिल (Triple Talaq Bill) पास हो गया है. जानकारी के लिए बताना चाहते है कि इसके पक्ष में 303 वोट पड़े हैं. वहीं, विपक्ष में 82 वोट पड़े हैं. यह दूसरी बार है जब विधेयक लोकसभा में पास किया गया. इससे पहले फरवरी में भी बिल को मंजूरी मिल गई थी, लेकिन राज्यसभा ने इसे मंजूरी नहीं दी थी. कांग्रेस (Congress) ने यूपीए के सभी सहयोगी दलों से कहा कि बिल का विरोध करें. सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) कह चुका है कि तीन तलाक से पीड़ित मुस्लिम महिलाओं को इंसाफ मिलना चाहिए.

बता दें कि कांग्रेस, डीएमके(DMK), एनसीपी (NCP) समेत कई विपक्षी दलों ने इसका विरोध किया जबकि टीएमसी और सरकार की सहयोगी जेडीयू (JDU) ने सदन से वॉक आउट कर दिया है. यह बिल पिछली लोकसभा (Lok Sabha) से पास हो चुका था लेकिन राज्यसभा से इस बिल को वापस कर दिया गया था. गौरतलब हो कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल (युनाइटेड) ने कह दिया है कि वह तीन तलाक के मुद्दे पर राज्यसभा में बीजेपी नेतृत्व वाली NDA सरकार का समर्थन नहीं करेगी.