बिहार: राजनीतिक दलों द्वारा की जा रही सीटों की दावेदारी ने विपक्षी दलों के महागठबंधन की उलझनें बढ़ाई

इस साल होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव में अभी भले ही देर हो, मगर राजनीतिक दलों द्वारा की जा रही सीटों की दावेदारी ने विपक्षी दलों के महागठबंधन की उलझनें बढ़ा दी हैं. ऐसा नहीं कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) इससे बचा हुआ है, यहां भी लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) ने 43 सीटों पर दावेदारी ठोककर सीट बंटवारे से पहले ही झमेला खड़ा कर दिया है.

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बिहार: राजनीतिक दलों द्वारा की जा रही सीटों की दावेदारी ने विपक्षी दलों के महागठबंधन की उलझनें बढ़ाई

इस साल होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव में अभी भले ही देर हो, मगर राजनीतिक दलों द्वारा की जा रही सीटों की दावेदारी ने विपक्षी दलों के महागठबंधन की उलझनें बढ़ा दी हैं. ऐसा नहीं कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) इससे बचा हुआ है, यहां भी लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) ने 43 सीटों पर दावेदारी ठोककर सीट बंटवारे से पहले ही झमेला खड़ा कर दिया है.

देश IANS|
बिहार: राजनीतिक दलों द्वारा की जा रही सीटों की दावेदारी ने विपक्षी दलों के महागठबंधन की उलझनें बढ़ाई
(Photo Credits: Getty)

बिहार: इस साल होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव में अभी भले ही देर हो, मगर राजनीतिक दलों द्वारा की जा रही सीटों की दावेदारी ने विपक्षी दलों के महागठबंधन की उलझनें बढ़ा दी हैं. ऐसा नहीं कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) इससे बचा हुआ है, यहां भी लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) ने 43 सीटों पर दावेदारी ठोककर सीट बंटवारे से पहले ही झमेला खड़ा कर दिया है. राजग के मुख्य घटक दल लोजपा ने स्पष्ट कहा है कि विधानसभा चुनाव में उसे 43 सीटें चाहिए. लोजपा सांसद और दलित सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष पशुपति कुमार पारस ने कहा कि उनकी पार्टी साल 2015 में भी 43 सीटों पर चुनाव लड़ी थी. सीटों के बंटवारे में लोजपा को इस बार भी इतनी ही सीटों की दरकार है.

केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के छोटे भाई पारस ने कहा कि लोकसभा चुनाव में उनकी पार्टी का 'स्ट्राइक रेट' सौ फीसदी रहा है.  उधर, विपक्षी दलों के महागठबंधन में भी सीटों के दावेदारी को लेकर दल एक-दूसरे से आगे निकलने की होड़ में हैं. महागठबंधन में प्रमुख घटक दल लालू प्रसाद के राजद ने 243 विधानसभा सीटों में से 150 सीटों पर दावा ठोक दिया है.

राजद के विधायक विजय प्रकाश ने कहा कि राजद 150 सीटों पर चुनाव लड़ने के मूड में है. उन्होंने कहा कि वैसे तैयारी तो 243 सीटों पर है, मगर एक सिद्धांत वाली पार्टियां साथ आती हैं, तब राजद को 150 सीटें तो चाहिए ही. यह भी पढ़ें: बिहार विधानसभा चुनाव 2020: प्रशांत किशोर और सुशिल मोदी के कोल्ड वॉर पर नीतीश कुमार ने लगाया विराम, कहा- ऑल इज वेल

महागठबंधन में शामिल हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) के प्रमुख जीतन राम मांझी ने भी 85 सीटों पर दावा ठोक दिया है. मांझी ने कहा कि उनकी पार्टी विधानसभा चुनाव में 85 सीटें जीत सकने की स्थिति में है. उन्होंने कहा, "हम सभी 243 सीटों पर अकेले चुनाव नहीं जीत सकते, लेकिन 85 सीटों पर जीत सकते हैं या समर्थन देकर किसी को जिताया जा सकता है."

पांच साल पूर्व 2015 में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 41 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे और इनमें से 27 सीटों पर जीत दर्ज की थी. वहीं, राजद और जदयू के हिस्से में 101-101 सीटें आई थीं. राजद 80 सीटें जीत कर सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरा था. वहीं, 71 सीटें हासिल करने वाला जदयू लगभग 20 माह बाद ही महागठबंधन से अलग हो गया था और भाजपा के साथ बिहार में सरकार बना ली थी.

कांग्रेस भी झारखंड चुनाव परिणाम से उत्साहित होकर महागठबंधन में सीटों को लेकर दबाव बना रही है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रवींद्रनाथ मिश्रा ने कहा कि बिहार में जनता कांग्रेस के प्रति भरोसा रख रही है, साथ ही बिहार में कांग्रेस का जनाधार तेजी से बढ़ा है.

उन्होंने कहा कि कांग्रेस 100 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी में है और जिस तरह से माहौल बन रहा है, उसमें 100 सीटें गठबंधन में पाने में कांग्रेस को कोई कठिनाई नहीं होगी. विपक्षीal_share_blk">

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बिहार: राजनीतिक दलों द्वारा की जा रही सीटों की दावेदारी ने विपक्षी दलों के महागठबंधन की उलझनें बढ़ाई
(Photo Credits: Getty)

बिहार: इस साल होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव में अभी भले ही देर हो, मगर राजनीतिक दलों द्वारा की जा रही सीटों की दावेदारी ने विपक्षी दलों के महागठबंधन की उलझनें बढ़ा दी हैं. ऐसा नहीं कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) इससे बचा हुआ है, यहां भी लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) ने 43 सीटों पर दावेदारी ठोककर सीट बंटवारे से पहले ही झमेला खड़ा कर दिया है. राजग के मुख्य घटक दल लोजपा ने स्पष्ट कहा है कि विधानसभा चुनाव में उसे 43 सीटें चाहिए. लोजपा सांसद और दलित सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष पशुपति कुमार पारस ने कहा कि उनकी पार्टी साल 2015 में भी 43 सीटों पर चुनाव लड़ी थी. सीटों के बंटवारे में लोजपा को इस बार भी इतनी ही सीटों की दरकार है.

केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के छोटे भाई पारस ने कहा कि लोकसभा चुनाव में उनकी पार्टी का 'स्ट्राइक रेट' सौ फीसदी रहा है.  उधर, विपक्षी दलों के महागठबंधन में भी सीटों के दावेदारी को लेकर दल एक-दूसरे से आगे निकलने की होड़ में हैं. महागठबंधन में प्रमुख घटक दल लालू प्रसाद के राजद ने 243 विधानसभा सीटों में से 150 सीटों पर दावा ठोक दिया है.

राजद के विधायक विजय प्रकाश ने कहा कि राजद 150 सीटों पर चुनाव लड़ने के मूड में है. उन्होंने कहा कि वैसे तैयारी तो 243 सीटों पर है, मगर एक सिद्धांत वाली पार्टियां साथ आती हैं, तब राजद को 150 सीटें तो चाहिए ही. यह भी पढ़ें: बिहार विधानसभा चुनाव 2020: प्रशांत किशोर और सुशिल मोदी के कोल्ड वॉर पर नीतीश कुमार ने लगाया विराम, कहा- ऑल इज वेल

महागठबंधन में शामिल हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) के प्रमुख जीतन राम मांझी ने भी 85 सीटों पर दावा ठोक दिया है. मांझी ने कहा कि उनकी पार्टी विधानसभा चुनाव में 85 सीटें जीत सकने की स्थिति में है. उन्होंने कहा, "हम सभी 243 सीटों पर अकेले चुनाव नहीं जीत सकते, लेकिन 85 सीटों पर जीत सकते हैं या समर्थन देकर किसी को जिताया जा सकता है."

पांच साल पूर्व 2015 में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 41 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे और इनमें से 27 सीटों पर जीत दर्ज की थी. वहीं, राजद और जदयू के हिस्से में 101-101 सीटें आई थीं. राजद 80 सीटें जीत कर सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरा था. वहीं, 71 सीटें हासिल करने वाला जदयू लगभग 20 माह बाद ही महागठबंधन से अलग हो गया था और भाजपा के साथ बिहार में सरकार बना ली थी.

कांग्रेस भी झारखंड चुनाव परिणाम से उत्साहित होकर महागठबंधन में सीटों को लेकर दबाव बना रही है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रवींद्रनाथ मिश्रा ने कहा कि बिहार में जनता कांग्रेस के प्रति भरोसा रख रही है, साथ ही बिहार में कांग्रेस का जनाधार तेजी से बढ़ा है.

उन्होंने कहा कि कांग्रेस 100 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी में है और जिस तरह से माहौल बन रहा है, उसमें 100 सीटें गठबंधन में पाने में कांग्रेस को कोई कठिनाई नहीं होगी. विपक्षी दलों के महागठबंधन में फिलहाल राजद, कांग्रेस और हम के अलावा राष्ट्रीय लोक समता पार्टी और विकासशील इंसान पार्टी शामिल है.

जदयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने सीट बंटवारे के बारे में पूछे जाने पर कहा कि मीडिया में बयानबाजी से सियासी फैसले नहीं लिए जाते. हर पार्टी की अपनी मांग होती है. समय से पहले इस पर बोलना उचित नहीं है. उन्होंने कहा कि समय पर सब कुछ तय हो जाता है.

बहरहाल, सभी दल अपने महागठबंधन के रणनीतिकारों पर दबाव बनाने की रणनीति के तहत सीट बंटवारे को लेकर दबाव बनाना शुरू कर दिया है, अब चुनाव के समय देखना होगा कि कौन पार्टी कितनी सीटों पर उम्मीदवार उतारती है.

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