बिहार:- झारखंड के नतीजों से बिहार (Bihar) में भी सियासी सरगर्मी बढ़ी है. विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी और JDU के बीच खटपट की खबरों ने ठंड के मौसम में पूरे बिहार को गरमा दिया था. दरअसल जनता दल यूनाइटेड (JDU) के उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर ने कहा था कि जदयू (JDU) बिहार में बड़े पार्टी की भूमिका में रहेगा इसीलिए उसे विधानसभा चुनाव में 50 प्रतिशत से ज्यादा सीटें मिलनी चाहिए. उनके इस बयान के बाद सियासी गहमागहमी तेज हो गई. वहीं इस मामले पर अब प्रशांत किशोर अलग-थलग पड़ गए. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Chief Minister Nitish Kumar) ने मीडिया द्वारा बीजेपी और जदयू ( BJP-JDU Alliance) के बीच उठे विवाद पर सवाल पूछा तो उन्होंने कहा कि यहां सब ठीक है.
वहीं बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने प्रशांत किशोर पर तंज कसते हुए ट्वीट कर लिखा, 2020 का विधानसभा चुनाव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में लड़ा जाना तय है. सीटों के तालमेल का निर्णय दोनों दलों का शीर्ष नेतृत्व समय पर करेगा। कोई समस्या नहीं है. लेकिन जो लोग किसी विचारधारा के तहत नहीं, बल्कि चुनावी डाटा जुटाने और नारे.
नीतीश कुमार ने कहा
Bihar Chief Minister Nitish Kumar on BJP-JDU alliance in the state: Sab theek hai. pic.twitter.com/ceWqFNVYHe
— ANI (@ANI) December 31, 2019
सुशील मोदी ने कहा
2020 का विधानसभा चुनाव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में लड़ा जाना तय है। सीटों के तालमेल का निर्णय दोनों दलों का शीर्ष नेतृत्व समय पर करेगा। कोई समस्या नहीं है।
लेकिन जो लोग किसी विचारधारा के तहत नहीं, बल्कि चुनावी डाटा जुटाने और नारे....... pic.twitter.com/aCIUmFkFgL
— Sushil Kumar Modi (@SushilModi) December 30, 2019
उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी के ट्वीट पर प्रशांत किशोर ने तंज कसते हुए लिखा कि, बिहार में नीतीश कुमार का नेतृत्व और JDU की सबसे बड़े दल की भूमिका बिहार की जनता ने तय किया है, किसी दूसरी पार्टी के नेता या शीर्ष नेतृत्व ने नहीं. 2015 में हार के बाद भी परिस्थितिवश DY CM बनने वाले सुशील कुमार मोदी से राजनीतिक मर्यादा और विचारधारा पर व्याख्यान सुनना सुखद अनुभव है.
बिहार में @NitishKumar का नेतृत्व और JDU की सबसे बड़े दल की भूमिका बिहार की जनता ने तय किया है, किसी दूसरी पार्टी के नेता या शीर्ष नेतृत्व ने नहीं।
2015 में हार के बाद भी परिस्थितिवश DY CM बनने वाले @SushilModi से राजनीतिक मर्यादा और विचारधारा पर व्याख्यान सुनना सुखद अनुभव है।
— Prashant Kishor (@PrashantKishor) December 31, 2019
गौरतलब हो कि लोकसभा चुनाव में आरजेडी, कांग्रेस, हम, वीआईपी और रालोसपा साथ मिलकर लड़े थे, लेकिन राज्य की 40 सीटों में कांग्रेस को सिर्फ किशनगंज में जीत मिली। शेष 39 सीटों पर भाजपा-जदयू-लोजपा गठबंधन ने जीत हासिल की. राज्य में आरजेडी और कांग्रेस के लिए जीतनराम मांझी की पार्टी हम का अलग राह पकड़े हुए नजर आना और राजद के शीर्ष नेता लालू प्रसाद का जेल में होना भी चुनौती है.