
Donald Trump Tariffs Impact On Crypto Market: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा घोषित नए आयात शुल्क (टैरिफ) ने न सिर्फ वैश्विक व्यापार बल्कि क्रिप्टोकरेंसी बाजार को भी झकझोर दिया है. पिछले 24 घंटों में क्रिप्टो बाजार से 2 बिलियन (करीब 16,600 करोड़रुपये) का नुकसान हुआ है, जबकि बिटकॉइन की कीमत 92,000 तक गिर गई. आइए समझते हैं कि ट्रंप की यह नीति क्रिप्टो बाजार को कैसे प्रभावित कर रही है.
टैरिफ का असर: महंगाई का डर और क्रिप्टो में गिरावट
ट्रंप ने शनिवार को कनाडा और मैक्सिको से आयातित सामान पर 25% और चीन से आने वाले उत्पादों पर 10% टैरिफ लगाने की घोषणा की. यह कदम अमेरिका के तीन बड़े व्यापारिक साझेदारों को निशाने पर लेता है. अर्थशास्त्रियों का मानना है कि यह टैरिफ महंगाई बढ़ा सकता है, क्योंकि कंपनियां अपने बढ़े हुए खर्चे उपभोक्ताओं पर थोपेंगी.
इस अनिश्चितता के बीच निवेशकों ने क्रिप्टो बाजार से पैसा निकालना शुरू कर दिया. बिटकॉइन की कीमत शनिवार को 100,000, से नीचे फिसलकर 92,000 तक पहुंच गई, जबकि एथेरियम 24% गिरकर $2,300 पर आ गया.
क्रिप्टो बाजार का बुरा हाल: ये हैं मुख्य आंकड़े
- कुल नुकसान: 24 घंटे में $2 बिलियन (Coinglass डेटा).
- बिटकॉइन ट्रेडर्स को 421 मिलियन, एथेरियमट्रेडर्स को 421 मिलियन, एथेरियम ट्रेडर्स को 528 मिलियन का झटका.
- XRP और Dogecoin (DOGE) में 30%, Cardano (ADA) में 35%, Solana (SOL) और BNB में 15% गिरावट.
- पूरे क्रिप्टो बाजार का मार्केट कैप 8% सिकुड़ गया.
BREAKING: Over $2 billion in value liquidated from cryptocurrency markets over the past 24 hours
— The Spectator Index (@spectatorindex) February 3, 2025
क्यों डर रहे हैं निवेशक?
- महंगाई का खतरा: टैरिफ से अमेरिका में वस्तुओं की कीमतें बढ़ सकती हैं, जिससे डॉलर की क्रय शक्ति कमजोर होगी.
- ट्रेड वॉर की आशंका: चीन, कनाडा और मैक्सिको के जवाबी कदम से वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला प्रभावित हो सकती है.
- नौकरियों पर खतरा: कई कंपनियां अपना उत्पादन बंद कर सकती हैं, जिससे बेरोजगारी बढ़ेगी.
इन आशंकाओं के बीच निवेशक क्रिप्टो जैसे जोखिम भरे एसेट्स से दूर भाग रहे हैं और सुरक्षित निवेश की तरफ रुख कर रहे हैं.
क्या बिटकॉइन फिर उछाल मारेगा? विशेषज्ञों की राय
कुछ विश्लेषक मानते हैं कि ट्रंप की टैरिफ नीति बिटकॉइन के लिए लॉन्ग टर्म में फायदेमंद हो सकती है:
- जेफ पार्क (Bitwise Asset Management): "टैरिफ से डॉलर कमजोर होगा और बिटकॉइन की मांग बढ़ेगी. लोग इसे महंगाई से बचाव के तौर पर अपनाएंगे."
- ट्रिफिन डिलेम्मा का असर: अमेरिका को डॉलर को वैश्विक रिजर्व करेंसी बनाए रखने के लिए व्यापार घाटा बनाए रखना पड़ता है. टैरिफ इस घाटे को कम करने की कोशिश है, जिससे डॉलर की वैल्यू घट सकती है.
- Plaza Accord 2.0 की संभावना: 1985 की तरह, अमेरिका दूसरे देशों के साथ समझौता कर डॉलर की ताकत कम कर सकता है. ऐसे में देश अपने रिजर्व में बिटकॉइन जैसे एसेट्स शामिल कर सकते हैं.
हालांकि, शॉर्ट टर्म में बाजार में उतार-चढ़ाव जारी रहने की आशंका है.
सतर्कता जरूरी
ट्रंप की टैरिफ नीति ने एक बार फिर दिखा दिया है कि राजनीति और अर्थव्यवस्था का सीधा असर क्रिप्टो बाजार पर पड़ता है. अगर डॉलर कमजोर होता है, तो बिटकॉइन को फायदा मिल सकता है, लेकिन फिलहाल निवेशकों को अत्यधिक उतार-चढ़ाव के लिए तैयार रहना चाहिए.
ध्यान रखें: क्रिप्टोकरेंसी निवेश जोखिम भरा है. बाजार की गहरी समझ और विशेषज्ञों की सलाह के बिना निर्णय न लें.