केंद्र सरकार को राहत: SC/ST संशोधन एक्ट के खिलाफ सभी याचिकाएं खारिज, FIR और गिरफ्तारी से रोक हटी
सुप्रीम कोर्ट (फाइल फोटो )

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने सोमवार को अहम फैसला सुनाते हुए अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति संशोधन अधिनियम 2018 (SC/ST amendment Act) के खिलाड़ दायर याचिकाओं को खारिज कर दिया है. इसके बाद अब एससी/एसटी एक्ट के अंतर्गत केस दर्ज होने पर तुरंत गिरफ्तारी की जा सकेगी.

न्यूज़ एजेंसी एएनआई के मुताबिक देश की शीर्ष कोर्ट ने आज मामलें की सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार द्वारा लाए गए एससी/एसटी संशोधन कानून को मंजूरी दे दी. साथ ही इसको निरस्त करने की मांग वाली सभी याचिकाओं को खारिज कर दिया. इस याचिका में कहा गया था कि संशोधन संविधान के अनुच्छेद 14 और 21 के तहत समानता और जीवन के अधिकार का उल्लंघन करता है. SC/ST वर्ग के लोगों के लिए जज बनने के मापदंड आसान करें

जस्टिस अरूण मिश्र, जस्टिस विनीत शरण और जस्टिस रवीन्द्र भट्ट की बेंच ने एससी/एसटी संशोधन कानून को सही माना और इसे चुनौती देने वाली याचिकाओं को खारिज कर दिया. जिस वजह से अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) संशोधन कानून 2018 के मुताबिक शिकायत मिलने के बाद तुरंत एफआईआर दर्ज होगी और गिरफ्तारी होगी.

उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार ने एससी/एसटी संशोधन कानून इसलिए लाया था, क्योकि 20 मार्च 2018 में सुप्रीम कोर्ट ने इस कानून के दुरुपयोग की शिकायते मिलने क बाद बिना जांच के एफआईआर और गिरफ्तारी के प्रावधान पर रोक लगा दी थी. कोर्ट के इस फैसले से देशभर में खूब प्रदर्शन हुए थे, जिसके बाद केंद्र सरकार ने संसद में कोर्ट के आदेश को पलटने के लिए बिल लाया था और रिव्यु पिटीशन भी दायर किया. सरकार के इसी फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी.