
Odisha Satta Matka: ओडिशा के कालाहांडी जिले में पंचायत कार्यकारी अधिकारी देबानंद सागर (PEO Debanand Sagar) को राज्य की सतर्कता विभाग (विजिलेंस) ने गिरफ्तार किया है. उन पर सरकारी फंड में 3.26 करोड़ रुपये के गबन का आरोप है, जिसे उन्होंने क्रिकेट सट्टेबाजी (Cricket Betting) और ऑनलाइन गेमिंग (Online Gaming) में उड़ा दिया. जानकारी के अनुसार, देबानंद सागर पहले तालनेगी और पोडापदर ग्राम पंचायत में PEO के पद पर कार्यरत थे.
उन्होंने सरपंच के फर्जी हस्ताक्षर करके सरकारी पैसे अपने बैंक खाते में ट्रांसफर किए. यह घोटाला 5 मई 2018 से 17 मार्च 2022 के बीच हुआ.
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पहले भी हो चुका है मामला दर्ज
साल 2023 में भी विजिलेंस ने देबानंद सागर के खिलाफ केस दर्ज किया था, जब उन पर 1.04 करोड़ रुपये के गबन का आरोप लगा था. इसके बाद उन्हें निलंबित (सस्पेंड) कर दिया गया था. लेकिन सस्पेंशन के बावजूद उन्होंने दोबारा घोटाला किया, जिससे उनकी हरकतें फिर से सतर्कता विभाग के निशाने पर आ गईं.
कैसे खर्च किया 3 करोड़ रुपये?
देबानंद सागर ने सरकारी पैसों का क्रिकेट सट्टेबाजी (Cricket Betting) और ऑनलाइन गेमिंग (Online Gaming) पोर्टल्स पर उपयोग किया. विजिलेंस विभाग ने बैंक रिकॉर्ड खंगालकर पैसों के ट्रांसफर का खुलासा किया. इस घोटाले का पर्दाफाश होते ही पुलिस ने सागर को गिरफ्तार कर लिया.
गंजाम जिले में भी हुआ था ऐसा मामला
यह पहली बार नहीं है जब ओडिशा में किसी सरकारी अधिकारी को क्रिकेट सट्टेबाजी (Cricket Betting) में सरकारी पैसे लगाने का दोषी पाया गया हो. गंजाम जिले में भी एक पंचायत कार्यकारी अधिकारी को 43 लाख रुपये के गबन के आरोप में गिरफ्तार किया गया था.
अब क्या होगा?
विजिलेंस विभाग इस मामले में गहराई से जांच कर रहा है. कोर्ट में पेशी के बाद आगे की कार्रवाई तय होगी. अगर दोषी साबित हुए तो सागर को लंबी सजा का सामना करना पड़ सकता है.
इस घटना ने सरकारी फंड के दुरुपयोग पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है. ऐसे मामलों को रोकने के लिए सरकार को निगरानी तंत्र को मजबूत करने की जरूरत है.
एजेंसी इनपुट के साथ...