नई दिल्ली: देशभर में समान आरक्षण वाली नीति को लागू करने का प्रस्ताव शुक्रवार को संसद में गिर गया. राज्यसभा में समाजवादी पार्टी सांसद विशम्भर प्रसाद की ओर से यह प्रस्ताव रखा गया था लेकिन वोटिंग होने के बाद आगे बढ़ने में कामयाब नहीं हुआ. वोटिंग के दौरान संसद में कुल 98 सदस्य मौजूद थे जिनमें से 66 सदस्यों ने विरोध में वोट डाले.
राज्यसभा का आज का दिन भी हंगामेभरा रहा. राज्यसभा में प्राइवेट मेंबर बिल के तहत यह प्रस्ताव पेश किया गया. सांसद विशम्भर प्रसाद निषाद ने पूरे देश में एक समान आरक्षण व्यवस्था लागू करने संबंधित बिल पेश किया. जिसके समर्थन में 32 सांसदों ने वोट डाले थे. SC/ST कानून संशोधन विधेयक को राज्यसभा से भी मिली हरी झंडी
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि संकल्प पर कभी वोटिंग नहीं हुई लेकिन आज नई परंपरा डाली जा रही है. उपसभापति हरिवंश ने कहा कि एक बार कहने के बाद वोटिंग करानी ही पड़ती है उसे वापस लेने का कोई नियम नहीं है. इस दौरान संसद में सरकार के खिलाफ दलित विरोधी होने के नारे भी लग रहे थे.
राज्यसभा में गुरुवार को अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार रोकथाम) संशोधन विधेयक, 2018 सर्वसम्मति से पारित हो गया था. विधेयक के अंतर्गत सर्वोच्च न्यायालय के उस आदेश को पलट दिया गया जिसमें इस अधिनियम के तहत आरोपी की तत्काल गिरफ्तारी के प्रावधान को समाप्त कर दिया गया था. लोकसभा में यह विधेयक पहले ही पारित हो गया था, इसलिए राष्ट्रपति की सहमति के बाद यह कानून बन जाएगा. नए कानून के अंतर्गत, 60 दिनों के अंतर्गत जांच पूरी करने और आरोपपत्र दाखिल करने का प्रावधान है.