
Pahalgam Terror Attack: पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है. इस हमले में 26 लोगों की मौत हुई, जिनमें 25 भारतीय और एक नेपाली नागरिक शामिल हैं. इस हमले के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तान के शीर्ष राजनयिक साद अहमद वर्राइच को दिल्ली में तलब किया और एक औपचारिक ‘पर्सोना नॉन ग्राटा’ (अस्वीकार्य व्यक्ति) नोट सौंपा गया. 'पर्सोना नॉन ग्राटा' का मतलब है कि किसी राजनयिक या विदेशी व्यक्ति को किसी विशेष देश में प्रवेश या रहने से मना करना. भारत ने पाकिस्तान के सैन्य राजनयिकों को ये नोट थमाया है, जिसके बाद उन्हें एक सप्ताह के अंदर भारत छोड़ना होगा.
पाकिस्तानी सैन्य अधिकारियों को भारत छोड़ने के आदेश
भारत ने पाकिस्तान के उच्चायोग में कार्यरत सभी रक्षा, नौसेना और वायुसेना सलाहकारों को निष्कासित कर दिया है. इन सभी को एक सप्ताह के भीतर भारत छोड़ने का आदेश दिया गया है. यह कदम भारत की ओर से अब तक की सबसे गंभीर राजनयिक कार्रवाई मानी जा रही है. इसके अलावा, भारत ने अपने अधिकारियों को भी इस्लामाबाद से वापस बुलाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है.
राजनयिक संबंधों की ओर बढ़ता ठहराव
इन कार्रवाइयों से यह स्पष्ट हो गया है कि भारत-पाकिस्तान के बीच राजनयिक संबंधों में अब पूरी तरह ठहराव की स्थिति आ गई है. पाकिस्तान के विदेश कार्यालय में इस फैसले के बाद हड़कंप मच गया है, क्योंकि भारत ने पूरी तरह से कूटनीतिक संपर्क तोड़ दिया है.
प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में सुरक्षा पर बड़ी बैठक
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (CCS) की एक आपात बैठक की अध्यक्षता की. इस बैठक में कई अहम फैसले लिए गए, जिसमें कूटनीतिक संबंधों को कम करने, सीमा मार्गों को बंद करने, सिंधु जल संधि को निलंबित करने जैसे कदम शामिल थे.
भारत का सख्त संदेश: आतंक के प्रायोजकों को नहीं छोड़ा जाएगा
सरकार की ओर से जारी बयान में कहा गया, “CCS ने समग्र सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की और सभी सुरक्षाबलों को सतर्क रहने का निर्देश दिया गया. यह तय किया गया कि हमले के जिम्मेदार लोगों को न्याय के कटघरे में लाया जाएगा और जो लोग इन्हें समर्थन दे रहे हैं, उन्हें भी जवाबदेह बनाया जाएगा.”