Punjab Flood Video: पंजाब में बाढ़ का कहर, 43 लोगों की मौत, लाखों हेक्टेयर फसल बर्बाद, केंद्र से मदद की गुहार
पंजाब भीषण बाढ़ की चपेट में है, जिसमें अब तक 43 लोगों की मौत हो चुकी है और 1.71 लाख हेक्टेयर की फसल तबाह हो गई है. (Photo Credits: X)

Punjab Flood Crisis: इन दिनों पूरा पंजाब बाढ़ की भयानक मार झेल रहा है. यह एक ऐसी प्राकृतिक आपदा है जिसने हजारों परिवारों को संकट में डाल दिया है. अब तक इस बाढ़ में 43 लोगों की जान जा चुकी है और 1.71 लाख हेक्टेयर से ज्यादा की फसल पानी में डूबकर बर्बाद हो गई है. हालात इतने गंभीर हैं कि 23 जिलों के 1902 गांव पूरी तरह से जलमग्न हो गए हैं, जिससे 3,84,205 लोग सीधे तौर पर प्रभावित हुए हैं. राहत और बचाव का काम जारी है और अब तक 20,972 लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया जा चुका है.

मौत का आंकड़ा और तबाही का मंजर

पंजाब के आपदा प्रबंधन मंत्री हरदीप सिंह मुंडियन के अनुसार, बाढ़ का असर राज्य के 23 जिलों पर पड़ा है. पिछले 24 घंटों में ही 6 और लोगों की मौत की खबर है, जिससे कुल आंकड़ा 43 तक पहुंच गया है. सबसे ज्यादा मौतें होशियारपुर (7), पठानकोट (6), बरनाला और अमृतसर (5-5) जैसे जिलों में हुई हैं. इसके अलावा पठानकोट में तीन लोग अब भी लापता बताए जा रहे हैं. यह आंकड़े 1 अगस्त से 4 सितंबर के बीच के हैं.

किसानों के लिए यह बाढ़ एक बुरे सपने की तरह है. गुरदासपुर, अमृतसर, फाजिल्का, और फिरोजपुर जैसे जिलों में किसानों की मेहनत पर पानी फिर गया है. 1.71 लाख हेक्टेयर से अधिक कृषि भूमि पर खड़ी फसलें पूरी तरह से नष्ट हो गई हैं.

केंद्र से मदद की अपील

इस मुश्किल घड़ी में राजनीतिक दल भी सक्रिय हो गए हैं. आम आदमी पार्टी (AAP) के प्रमुख और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने केंद्र सरकार से पंजाब की मदद करने की अपील की है. उन्होंने कहा, "मैं केंद्र सरकार से विनती करता हूं कि इस मुश्किल समय में पंजाब की हर संभव मदद करें." उन्होंने यह भी कहा कि जब केंद्र सरकार अफगानिस्तान में भूकंप आने पर मदद भेज सकती है, तो अपने ही देश के राज्य पंजाब की मदद तो जरूर करनी चाहिए.

केंद्र सरकार ने दिया मदद का भरोसा

केंद्र सरकार ने भी स्थिति का जायजा लेना शुरू कर दिया है. केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गुरुवार को अमृतसर, गुरदासपुर और कपूरथला जैसे बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा किया. उन्होंने लोगों को भरोसा दिलाया कि केंद्र सरकार इस संकट में उनके साथ खड़ी है. उन्होंने बताया कि केंद्र की दो टीमें नुकसान का आकलन करने के लिए पंजाब में हैं, जो जल्द ही अपनी रिपोर्ट सौंपेंगी. चौहान ने माना कि फसलों का भारी नुकसान हुआ है और खेत पानी में डूबे हुए हैं.

पंजाब के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया ने भी अमृतसर एयरपोर्ट पर केंद्रीय मंत्री शिवराज चौहान से मुलाकात कर उन्हें बाढ़ की स्थिति पर एक विस्तृत रिपोर्ट सौंपी.

राज्य सरकार के कदम

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा है कि हर प्रभावित गांव में एक गज़ेटेड अधिकारी (सरकारी अफसर) को तैनात किया गया है ताकि लोगों की समस्याएं सीधे प्रशासन तक पहुंचें और उनका तुरंत समाधान हो सके. राज्य सरकार ने बाढ़ से हुए नुकसान का सही आकलन करने के लिए 'विशेष गिरदावरी' (फसल नुकसान का सर्वे) का भी आदेश दिया है.

नदियों और बांधों की स्थिति

बाढ़ का एक बड़ा कारण नदियों का बढ़ता जलस्तर है. रूपनगर जिले में सतलुज नदी के किनारे बसे गांवों के लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी गई है. हालांकि, राहत की बात यह है कि भाखड़ा बांध का जलस्तर अभी स्थिर है. गुरुवार को बांध से करीब 85,000 क्यूसेक पानी छोड़ा गया. वहीं, पटियाला में घग्गर नदी के पास के गांवों के लिए भी अलर्ट जारी किया गया है.

यह बाढ़ हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर में हुई भारी बारिश के कारण सतलुज, व्यास और रावी जैसी नदियों में आए उफान का नतीजा है. पंजाब में हुई बारिश ने स्थिति को और भी गंभीर बना दिया है.