नई दिल्ली: कांग्रेस की शीर्ष नीति निर्धारण इकाई कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) ने भारत-चीन गतिरोध पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हालिया टिप्पणी को चीनी रुख को बल देने वाला बयान करार देते हुए मंगलवार को कहा कि प्रधानमंत्री की बातों का ‘‘दूरगामी प्रभाव’’ होगा. सीडब्ल्यूसी ने एक बयान में यह सवाल भी किया कि सरकार लद्दाख में चीनी कब्जे से भारतीय जमीन के मुक्त कराने और पूर्व यथास्थिति बहाल करने के लिए क्या कदम उठाएगी? चीन कर सकता है बड़ा साइबर हमला, ड्रैगन की चाल को लेकर महाराष्ट्र साइबर डिपार्टमेंट ने जारी की चेतावनी
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की अगुवाई में वीडियो कांफ्रेस के माध्यम से सीडब्ल्यूसी की बैठक हुई जिसमें भारत-चीन गतिरोध, कोविड संकट, अर्थव्यवस्था की स्थिति और पेट्रोल-डीजल के दाम में लगातार हो रही बढ़ोतरी पर चर्चा की गई.
सीडब्ल्यूसी ने भारतीय सेना के प्रति एकजुटता एवं कृतज्ञता प्रकट करते हुए कहा, ‘‘ गलवान घाटी, पेंगोग सो (झील) और हॉट स्प्रिंग्स के भारतीय इलाकों में जबरन चीनी घुसपैठ की अनेक खबरों पर कांग्रेस कार्यसमिति गहन चिंता व्यक्त करती है. चीन सहित किसी को भी इस बात में संदेह नहीं होना चाहिए कि ये इलाके भारत के अखंड भूभाग के अभिन्न व अविभाज्य हिस्से हैं.’’
सीडब्ल्यूसी ने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने मई से लेकर आज तक अनेक बार चीन की घुसपैठ के विरुद्ध हमारी भूभागीय अखंडता की रक्षा एवं सुरक्षा का मामला उठाया, लेकिन सरकार एवं सरकार के सहयोगियों ने जवाब में केवल हर बात को खारिज करने, गुमराह करने व भ्रमित करने की नीति अपनाई.
कांग्रेस कार्य समिति के मुताबिक सरकार के अंदर के विरोधाभास खुलकर सामने आ गए हैं. रक्षा मंत्री, विदेश मंत्री एवं विदेश मंत्रालय के बयानों के विपरीत प्रधानमंत्री ने 19 जून, 2020 को कहा कि ‘‘भारतीय सीमा में किसी ने घुसपैठ की ही नहीं. उसके अगले ही दिन, 20 जून की शाम को विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी कर एक बार फिर प्रधानमंत्री के बयान का खंडन कर दिया.
उसने कहा, ‘‘ चीनी घुसपैठ को सिरे से खारिज करने के प्रधानमंत्री के बयान के दूरगामी प्रभाव हैं. प्रधानमंत्री को अपने शब्दों से चीन के षडयंत्रकारी रुख को बल नहीं देना चाहिए, खासतौav_alink dropdown_toggle" href="https://www.latestly.com/elections/assembly-elections/" title="विधानसभा चुनाव" target="_blank">चुनाव