भारत समेत दुनिया भर में ईद-ए-मिलाद-उन-नबी (Eid-E-Milad-Un-Nabi) पर्व पूरी धूमधाम से मनाया जा रहा है. इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने ट्वीट कर बधाई देते कहा कि, देशवासियों को ईद-ए-मिलाद-उन-नबी की शुभकामनाएं दी और आशा जताई की यह त्योहार एकता और भाईचारे की भावना को बढ़ाएगा. वहीं महामहिम राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (President Ram Nath Kovind) ने भी ट्वीट कर बधाई देते हुए कहा कि पैगम्बर मुहम्मद (स.) के जन्मदिन, मिलाद-उन-नब़ी के मुबारक मौके पर, मैं सभी देशवासियों, विशेष रूप से अपने मुस्लिम भाई-बहनों को शुभकामनाएं देता हूं. आइए, हम सब उनके जीवन से प्रेरणा लेकर आपसी भाईचारे और रहमदिली के साथ सभी की खुशहाली के लिए कार्य करें. ईद-ए-मिलाद-उन-नबी का अरबी भाषा में इसका शाब्दिक अर्थ है 'जन्म' और 'मौलिद-उन-नबी' यानी पैगंबर हजरत मोहम्मद का जन्मदिन है.
बता दें कि पैगंबर मुहम्मद साहब का जन्म सऊदी अरब के पवित्र शहर मक्का में हुआ था. उन्होंने इस्लाम धर्म का प्रचार और प्रसार किया. 12 रबी उल अव्वल को ईद-ए-मिलाद-उन-नबी मनाई जाती है. इस्लाम धर्म की मान्यता के अनुसार पैगंबर मुहम्मद साहब को अल्लाह ने जमीन पर रहमत और शांति के लिए भेजा था. ऐसा माना जाता की पैगंबर हजरत मोहम्मद साहब को उस वक्त इस दुनिया में भेजा गया था जब बुराई आम बात हो गई थी. उन्होंने हमेशा शांति व सामुदायिक सद्भाव को बढ़ावा देने का पैगाम दिया.
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद
पैगम्बर मुहम्मद (स.) के जन्मदिन, मिलाद-उन-नब़ी के मुबारक मौके पर, मैं सभी देशवासियों, विशेष रूप से अपने मुस्लिम भाई-बहनों को शुभकामनाएं देता हूं।
आइए, हम सब उनके जीवन से प्रेरणा लेकर आपसी भाईचारे और रहमदिली के साथ सभी की खुशहाली के लिए कार्य करें — राष्ट्रपति कोविन्द
— President of India (@rashtrapatibhvn) November 10, 2019
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
Greetings on Milad-Un-Nabi. Inspired by the thoughts of Prophet Muhammad, may this day further the spirit of harmony and compassion in society. May there be peace all around.
— Narendra Modi (@narendramodi) November 10, 2019
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हालांकि ईद-ए-मिलाद-उन-नबी(Eid-Milad-Un-Nabi) को लेकर मुस्लिम समुदाय में अलग-अलग मान्यताएं प्रचलित हैं. इस पर्व को कई स्थानों पर ईद-ए-मिलाद को पैगंबर के जन्मदिन के रूप में और कई स्थानों पर इसे शोक दिवस के रूप में मनाया जाता है. लेकिन भारत जैसे विशाल देश में इसे के पर्व के तर्ज पर मनाया जा था है. रातभर लोग मस्जिदों में जाकर हजरत मोहम्मद के पवित्र वचनों पढ़ते हैं और याद करते हैं.