महाराष्ट्र के पुणे जिले के निगोठवाड़ी गांव में 4 जुलाई को एक चौंकाने वाली घटना सामने आई, जिसमें पत्रकार स्नेहा बर्वे को लकड़ी के डंडे से बुरी तरह पीटा गया. स्नेहा बर्वे, जो ‘समर्थ भारत’ और SBP यूट्यूब चैनल की संस्थापक और संपादक हैं, गांव के नदी क्षेत्र में अवैध निर्माण पर रिपोर्टिंग कर रही थीं, तभी उन पर हमला किया गया. घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है, जिसमें देखा जा सकता है कि स्नेहा बर्वे पर बार-बार डंडे से हमला किया गया जब तक कि वह बेहोश नहीं हो गईं. हमले के दौरान उनका कैमरामैन अजाज शेख भी पिटाई का शिकार हुआ, जब हमलावरों ने देखा कि पूरी घटना रिकॉर्ड हो रही है.
पुलिस ने बयान में कहा है कि वह मामले की जांच कर रही है और जल्द ही गिरफ्तारी की कार्रवाई की जाएगी. हालांकि, वीडियो साक्ष्य और प्रत्यक्षदर्शियों की मौजूदगी के बावजूद अब तक की ढीली कार्रवाई ने प्रशासन की नीयत पर सवाल खड़े किए हैं.
मुख्य आरोपी अब तक गिरफ्त से बाहर
This country is beyond repair! Journalist Sneha Barve was beaten by a rod while she was reporting on illegal construction activity near Pune.
Law and order in Maharashtra is a joke.@MumbaiPolice pic.twitter.com/eLmvuiiGnX
— Pallabi Sen (@PallabiSen) July 14, 2025
महिला रिपोर्टर पर हमला
भ्रष्टाचाराबाबत वार्तांकन करत असताना महिला पत्रकार स्नेहा बर्वे यांच्यावर पुणे येथे भ्याड हल्ला...
प्रामाणिक पत्रकारितेला कुणी वाली आहे का..? फडणवीस सरकारच्या राज्यात पत्रकारांना न्याय मिळेल का..?@narendramodi @Dev_Fadnavis @RahulGandhi @Pawankhera @SupriyaShrinate @ANI… pic.twitter.com/GPe6gVvFK9
— Maharashtra Congress (@INCMaharashtra) July 15, 2025
इस हमले के पीछे मुख्य आरोपी स्थानीय व्यापारी पांडुरंग सखाराम मोर्डे को बताया जा रहा है, जिसकी राजनीतिक संबंधों की चर्चा हो रही है. चौंकाने वाली बात यह है कि 10 दिन बीत जाने के बावजूद पुलिस ने अभी तक मोर्डे को गिरफ्तार नहीं किया है.
कांग्रेस ने सरकार को घेरा, कहा- "महाराष्ट्र में जंगलराज!"
इस घटना के सामने आने के बाद कांग्रेस पार्टी ने देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व वाली महायुति सरकार पर तीखा हमला बोला है. कांग्रेस प्रवक्ताओं ने कहा, "अगर एक महिला पत्रकार दिन-दहाड़े रिपोर्टिंग करते हुए पीटी जाती है और सरकार खामोश है, तो ये राज्य में कानून-व्यवस्था की विफलता है."
पत्रकार संगठनों में भी रोष, सुरक्षा की मांग
इस बर्बर हमले के बाद पत्रकार संगठनों ने भी इस पर गहरी नाराजगी जताई है. कई संगठनों ने कहा है कि “पत्रकारों को सुरक्षित माहौल में रिपोर्टिंग करने का अधिकार है. अगर उन्हें ही धमकाया जाएगा या मारा जाएगा, तो लोकतंत्र कैसे बचेगा?”













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