नई दिल्ली: राफेल डील (Rafale Deal) में कथित घोटाले को लेकर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में डाली गई पुनर्विचार याचिका पर आज सुनवाई हुई. शुक्रवार को सुनवाई के दौरान सबसे पहले वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण (Prashant Bhushan) ने अपनी बात रखी. इस दौरान उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार की ओर से गलत दस्तावेज़ पेश किए हैं, जिसपर कार्रवाई होना जरूरी है. कोर्ट में सुनवाई के दौरान तीखी बहस हुई, प्रशांत भूषण (Prashant Bhushan) की तरफ से लगाए गए आरोपों का जवाब AG केके वेणुगोपाल राव ने दिया.
एक लंबी बहस के बाद सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने राफेल (Rafale Deal) पर दायर पुनर्विचार याचिका और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के अवमानना मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है. सुप्रीम कोर्ट (Rafale Deal) ने आदेश दिया है कि प्रशांत भूषण (Prashant Bhushan) पुनर्विचार याचिका के मुद्दे पर सरकार की दलीलों का जवाब 2 हफ्ते में देना होगा. यह भी पढ़े-राफेल डील: राहुल गांधी ने सुप्रीम कोर्ट में नया हलफनामा दाखिल कर बिना शर्त माफी मांगी, कहा- अब केस बंद कर दीजिए
Supreme Court reserves the order on the contempt petition filed by BJP MP Meenakashi Lekhi, against Rahul Gandhi for attributing his 'Chowkidar chor hai' comment to Supreme Court. pic.twitter.com/XeHgIf8CIf
— ANI (@ANI) May 10, 2019
प्रशांत भूषण (Prashant Bhushan) ने इस दौरान तर्क दिया कि राफेल विमान सौदे (Rafale Deal) से पहले सुरक्षा समिति की बैठक 2017 में हुई थी, ऐसे में सौदे को लेकर कोई बैठक नहीं की गई थी. लेकिन अदालत में इस बैठक को लेकर गलत दावा पेश किया गया था.
उन्होंने आरोप लगाया है कि इस सौदे को फाइनल करने की तय प्रक्रिया के कई प्रावधान भी सरकार ने अपनी सुविधा के मुताबिक हटा दिए. उन्होंने आरोप लगाया कि एक तरफ जब डील की प्रक्रिया चल रही थी, तो पीएमओ (PMO) की तरफ से अलग से डील की जा रही थी.
प्रशांत भूषण (Prashant Bhushan) के आरोपों का जवाब देते हुए AG केके वेणुगोपाल ने कहा कि पुनर्विचार याचिका में कुछ भी नया नहीं है, सिर्फ चोरी किए कागजातों को जोड़ा गया है.
ज्ञात हो कि केंद्र सरकार (Modi Govt) पहले ही पुनर्विचार याचिका को लेकर अपना जवाब दाखिल चुकी है. केंद्र सरकार ने एक बार फिर अपनी पुरानी दलीलों को दोहराया है.