Bihar Assembly Elections 2020: बिहार में चिराग पासवान और उपेंद्र कुशवाहा की नाराजगी क्या खड़ा करेगी तीसरा मोर्चा? बदलेगा सियासी समीकरण?
चिराग पासवान और उपेंद्र कुशवाहा (Photo Credits: Facebook)

पटना: चुनाव आयोग ने बिहार (Bihar) विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया है. बिहार में कुल 243 सीटों के चुनाव तीन चरणों में होने वाले हैं. 28 अक्टूबर, तीन नवंबर और सात नवंबर को मतदान होंगे और दस नवंबर को नतीजे घोषित होंगे. जिसके मद्देनजर सभी राजनीतिक दल जीत का दावा करते हुए तैयारियों में जोरशोर से जुटे है. हालांकि विधानसभा चुनाव से पहले ही बिहार में महागठबंधन और एनडीए (NDA) में तकरार की स्थिति उत्पन्न हो गई है. जबकि सूबे की राजनीति में तीसरे मोर्चे की बुनियाद भी पड़ती नजर आ रही है. शरद यादव बिहार में विपक्षी गठबंधन को सत्ता में लाने के लिये काम करेंगे:लोकतांत्रिक जनता दल

बिहार के चुनावी दंगल में मुख्य मुकाबला सतारूढ़ बीजेपी के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) और विपक्षी दलों के आरजेडी नेतृत्व वाले महागठबंधन में होना तय है. हालांकि, अब तक इन दोनों गठबंधनों का आकार पूरी तरह से स्पष्ट नहीं हो सका है. मुख्य रूप से दो प्रतिद्वंदी गठबंधनों में सीट बंटवारे को लेकर असमंजस बरकरार है. विपक्षी दलों के महागठबंधन में प्रमुख घटक दल राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) ने तेजस्वी यादव के नेतृत्व पर सवाल उठा दिए हैं, तो एनडीए में भी जेडीयू और लोजपा कई मुद्दों को लेकर आमने-सामने हैं.

तेजस्वी यादव पर उठे सवाल-

पिछले चुनाव से इस चुनाव में परिस्थितियां बदली हुई हैं. महागठबंधन में शामिल रालोसपा के प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा ने आरजेडी के नेतृत्वकर्ता और आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद के उतराधिकारी तेजस्वी यादव के नेतृत्व पर सवाल उठाया है. पूर्व केंद्रीय मंत्री कुशवाहा ने कहा कि अभी जो चेहरा (तेजस्वी) है वह नीतीश कुमार के सामने कहीं नहीं टिकता है. इधर, महागठबंधन में सीट बंटवारा नहीं होने के कारण विकासशील इंसान पार्टी नाराज बताई जा रही है. राजद सरकार बनने पर बिहार के 10 लाख युवाओं को स्थायी नौकरी देंगे : तेजस्वी

लोजपा-जेडीयू में मनमुटाव-

वहीं, एनडीए में भी सीट बंटवारे को लेकर मामला अधर में लटका हुआ है. प्रमुख घटक दल लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) और जेडीयू के बीच काफी दिनों से मनमुटाव चल रहा है. लोजपा के प्रमुख चिराग पासवान लगातार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के काम पर सवाल उठा रहे हैं. लोजपा ने 143 सीटों पर तैयारी करने की बात कहकर एनडीए से दूरी बना ली. जबकि बीजेपी इतनी सीट देने के लिए तैयार नहीं हैं. लोजपा पहले ही स्पष्ट कर चुकी है कि उनका गठबंधन बीजेपी से है. फिलहाल मानमनौअल चल रहा है.

मोहभंग से पप्पू यादव के पास मौका-

पक्ष और विपक्ष दोनों ही गठबंधन अटूट होने का दावा कर रहे है. पॉलिटिकल पंडितों की मानें तो रालोसपा और लोजपा के मोहभंग का नतीजा तीसरा मोर्चा हो सकता है. हालांकि इसके लिए पप्पू यादव की जन अधिकार पार्टी (JAP) और मुकेश सहनी की विकासशील इंसान पार्टी (VIP) को आगे आना होगा और चारों दलों को एकसूत्र में बांधकर अन्य छोटे दलों को एक साथ मिलाना होगा. यह काम थोड़ा मुश्किल है फिर भी संभावना बनी हुई है. बिहार के पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय नीतीश कुमार की जदयू में शामिल

पूर्व सांसद पप्पू यादव की जन अधिकार पार्टी इस चुनाव में 150 सीटों पर चुनाव लड़ने की घोषणा कर चुकी है. इसमें कोई शक नहीं कि पूर्व में आरजेडी के नेता रहे पप्पू यादव की बिहार के कई क्षेत्रों में अपनी पहचान है. जबकि विकासशील इंसान पार्टी, जनता दल (राष्ट्रवादी), जनतांत्रिक विकास पार्टी (जविपा) सहित कई पार्टियां बिहार विधानसभा में खाता खोलने की जुगाड़ में है. केंद्र ने बिहार चुनाव के लिए केंद्रीय सुरक्षा बलों के 30,000 जवानों की तैनाती के निर्देश दिए

उल्लेखनीय है कि 2015 में जो विधानसभा चुनाव हुए थे उसमें सत्ताधारी एनडीए में बीजेपी, लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा), राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) और जीतन राम मांझी की हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (HAM) शामिल थे, वहीं महागठबंधन में जनता दल (यूनाइटेड) यानि जेडीयू, राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) और कांग्रेस शामिल थी. पिछले चुनाव में बीजेपी को 53, लोजपा को 2, रालोसपा को 2 और हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) को 1 सीटें मिली थी. महागठबंधन में जदयू के 71 प्रत्याशी विजयी हुए थे जबकि राजद 80 और कांग्रेस 27 सीटें जीती थी. हालांकि 2015 का महागठबंधन 2017 में ही टूट गया था और फिर से जेडीयू अपने पुराने साथी बीजेपी साथ आ गई.