यहां मुख्यमंत्री आवास रविवार को पहुंचे पांडेय को जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार ने बिहार विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी, पार्टी के सांसद एवं पूर्व प्रदेश अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह, नवनियुक्त पार्टी के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष एवं राज्य के मंत्री अशोक चौधरी और बिहार विधान परिषद सदस्य संजय गांधी की उपस्थिति में जदयू की प्राथमिक सदस्यता दिलायी ।
बाद में यहां पार्टी के प्रदेश मुख्यालय में ललन सिंह और अशोक चौधरी के साथ संवाददाताओं से बातचीत करते हुए पांडेय ने कहा कि वह शुरू से नीतीश जी प्रभावित रहे हैं और उनके नेतृत्व में पार्टी की प्राथमिक सदस्यता ग्रहण करने के बाद अब आगे दल के नेता का जो आदेश होगा उसके हिसाब से काम करूंगा।
यह पूछे जाने कि क्या वह चुनाव लडेंगे, पांडेय ने कहा, ‘‘ चुनाव लडने या न लडने के बारे में मैं निर्णय नहीं ले सकता । दल फैसला करेगा कि वह किस तरह से मेरी सेवा लेना चाहता है । अब मैं दल का अनुशासित सिपाही हूं । दल और नेता का जो आदेश होगा उसी हिसाब से मैं काम करूंगा।’’
जदयू में शामिल किए जाने के बाद पूर्व पुलिस प्रमुख की पार्टी में क्या भूमिका होगी, इसबारे में पूछे जाने पर ललन ने कहा, ‘‘ अभीतक तो इन्होंने कोई बायोडाटा दिया नहीं है । पार्टी में तो हमलोग बायोडाटा मांग रहे हैं ऐसे में अभी चुनाव लडने का सवाल किया जाना सही नहीं है।’’
पांडेय ने शनिवार को जदयू के प्रदेश मुख्यालय जाकर मुख्यमंत्री से मुलाकात करने के बाद कहा था कि उनकी नीतीश से कोई राजनीतिक बात नहीं हुई । उन्होंने कहा था कि वह उनको धन्यवाद देने आये थे कि उन्होंने उन्हें पूरी स्वतंत्रता काम :पुलिस महानिदेशक के पद रहने के दौरान दायित्वों के निर्वहन में: करने की दी।
यह पूछे जाने पर कि वह जदयू में कब शामिल होने वाले हैं, उन्होंने कहा था कि उन्होंने चुनाव लडने के बारे में अभी कोई फैसला नहीं किया है ।
पांडेय ने कहा था कि अगर वे किसी भी राजनीतिक दल में शामिल होने का फैसला करते हैं तो सभी को अवगत करेंगे।
पांडेय के अपने पैतृक जिले बक्सर से बिहार विधानसभा चुनाव लडने की अटकलें लगायी जा रही हैं ।
मीडिया के एक वर्ग की रिपोर्टों में यह भी कहा गया है कि वह ल्मीकिनगर लोकसभा सीट के लिए होने वाले उपचुनाव में अपना भाग्य आजमा सकते हैं । निवर्तमान जदयू सांसद बैद्यनाथ महतो के निधन से यह सीट खाली हुई थी ।
गुप्तेश्वर ने फरवरी 2021 में अपनी निर्धारित सेवानिवृति से पहले ही मंगलवार को पुलिस सेवा से एच्छिक सेवानिवृति :वीआरएस: ले ली। 22 सितंबर की देर शाम राज्य के गृह विभाग द्वारा जारी एक अधिसूचना के अनुसार वीआरएस के लिए उनके अनुरोध को राज्यपाल फागू चौहान ने मंजूरी दे दी थी।
सोशल मीडिया पर "मेरी कहनी मेरी जुबानी" के शीर्षक के तहत लोगों के साथ बातचीत करते हुए पांडेय ने 23 सितंबर को कहा, ‘‘ अगर मौका मिला और इस योग्य समझा गया कि मुझे राजनीति में आना चाहिए तो मैं आ सकता हूं लेकिन हमारे वे लोग निर्णय करेंगे जो हमारी मिट्टी के हैं, बिहार की जनता है और उसमें पहला हक तो बक्सर के लोगों का है जहां मैं पला—बढा हूं ।''
गुप्तेश्वर ने लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए 2009 में सेवा से इस्तीफा दे दिया था पर राज्य सरकार ने उनके इस्तीफे को नामंजूर करते हुए कुछ महीने बाद उन्हें सेवा में वापस ले लिया था ।
अनवर
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