नई दिल्ली: दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने (Patiala House Court) महिला की एक याचिका पर अहम फैसला सुनाया है. अदालत ने कहा कि पोशाक या किसी अंग के रूप में टिप्पणी सेक्सुअली श्रेणी में नहीं आएगा. पटियाला हाउस कोर्ट ने भारतीय दंड संहिता की धारा 509 (शब्द, हावभाव या किसी महिला की लज्जा भंग करने के इरादे से किया गया कार्य) के तहत एक पुरुष को आरोपमुक्त करने के खिलाफ एक महिला की याचिका को खारिज करते हुए यह टिप्पणी की है.
दरअसल एक महिला ने आरोप लगाया था कि तीनों लोगों ने आपत्तिजनक टिप्पणियां कीं और उसके बारे में कुछ खास बातें कीं और उसे बुरी नजर से भी देखा करते थे. अदालत ने कहा कि दस्तावेजों के अवलोकन के दौरान आरोपी व्यक्तियों के कथित कृत्य आईपीसी की धारा 354ए (1)(ए) के तहत नहीं आएंगे. यह भी पढ़े: Bombay HC ने कहा- लड़की से दोस्ती शारीरिक संबंध की सहमति नहीं
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— India.com (@indiacom) February 18, 2023
मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा कि महिला ने विशेष रूप से उल्लेख किया कि वह कुछ बुदबुदा रहा था, लेकिन वह सुनने के लिए वहां नहीं रुकी. अदालत ने यह भी नोट किया कि पुरुष के कहे किसी भी शब्द का कोई विशेष उल्लेख नहीं था. जिससे महिला का अपमान हुआ हो.