नई दिल्ली: बाहरी लोगों को रोकने के लिए भारत सरकार देश में भारतीय राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) लागू करना चाहती है. इसे लागू करने को लेकर कुछ लोग डरे हुए हैं. विपक्ष भी इस मुद्दे को लेकर केंद्रीय मंत्री अमित शाह (Union Minister Amit Shah) को घेरने की कोशिश लगातार कर रहा है. विपक्ष के इन्हीं सवालों का आज शाह ने राज्यसभा में जवाब दिया. उन्होंने कहा कि इस एनआरसी को लेकर किसी को डरने की जरूर नहीं हैं. उन्होंने कहा कि यह एक प्रक्रिया है जिससे देश के सभी नागरिक एनआरसी लिस्ट में शामिल हो सकें. दरअसल कांग्रेस सांसद सैयद नासिर हुसैन ने राज्यसभा में एनआरसी को लेकर एक सवाल पूछा था. जिसका जवाब देते हुए शाह ने यह बात कही. बता दें कि एनआरसी को लेकर पश्चिम बंगाल समेत कई राज्यों में विरोध चल रहा है.
शाह ने कहा कि एनआरसी में धर्म विशेष के आधार पर भेदभाव नहीं किया जाएगा. एनआरसी में इस तरह का कोई प्रावधान नहीं है जिसके आधार पर कहा जाए कि और एक विशेष धर्म के लोगों को इसमें शामिल नहीं किया जाएगा. वे बता देना चाहते हैं कि एनआरसी को पूरे देश में लागू किया जाएगा ताकि भारत के सभी नागरिक एनआरसी लिस्ट में शामिल हो सकें. यह भी पढ़े: बिहार में एनआरसी की खबरों पर ममता बनर्जी का दावा-नीतीश कुमार ने मुझसे कहा कि वो NRC लागू नहीं होने देंगे
NRC will cover everybody across India, irrespective of religion; different from Citizenship Amendment Bill:
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— ANI Digital (@ani_digital) November 20, 2019
TMC एनआरसी के खिलाफ चलाये अभियान: ममता बनर्जी
पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने पिछले हफ्ते अपनी पार्टी के नेताओं को एनआरसी के खिलाफ व्यापक अभियान चलाने की नसीहत दी और कहा कि तृणमूल कांग्रेस जाति, वर्ण या धर्म के आधार पर भेदभाव का समर्थन नहीं करती. बीजेपी का नाम लिये बिना बनर्जी ने कहा कि कुछ लोग कह रहे हैं कि बांग्लादेश से भारत में शरण लेने वालों को नागरिकता संशोधन विधेयक में संशोधन के बाद नागरिकता दी जाएगी.
ममता बनर्जी ने कहा कि ‘‘याद रखा जाना चाहिए कि पूर्वी बंगाल (अब बांग्लादेश) से शरणार्थियों के तौर पर आये लोग हमारे देश के नागरिक हैं.’’ उन्होंने इस बाबत दोनों देशों के पूर्व प्रमुखों के बीच हुए समझौते का उल्लेख किया. बनर्जी ने कहा कि किसी को कितनी बार अपनी नागरिकता साबित करनी होगी और कितने पहचान पत्र हासिल करने होंगे. (इनपुट भाषा)