No Demolition in Mathura: सुप्रीम कोर्ट ने मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि के पास बुलडोजर एक्शन पर लगाई 10 दिन की रोक, जारी किया नोटिस
Krishna Janmabhoomi | PTI

नई दिल्ली: मथुरा में श्रीकृष्ण जन्म भूमि के पास रेलवे की जमीन से हटाए जा रहे अतिक्रमण पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने 10 दिन की रोक लगा दी है. कोर्ट ने रेलवे को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. रेलवे को नोटिस जारी करते हुए कोर्ट ने कहा कि इस मामले की सुनवाई अब एक हफ्ते बाद होगी. दरअसल, मथुरा से वृंदावन के बीच मीटर गेज रेल ट्रैक था. रेलवे ने इसे बदलकर ब्रॉड गेज करने का फैसला किया है. ऐसे में मथुरा शहर में स्थित नई बस्ती से अतिक्रमण हटाया जा रहा है. जानकारी के मुताबिक 600 मीटर के दायरे में बसी इस बस्ती में करीब 200 अवैध अतिक्रमण चिन्हित किए गए हैं. कोर्ट में महिलाओं के लिए इन आपत्तिजनक शब्दों का नहीं होगा इस्तेमाल, SC ने जारी की हैंडबुक.

जस्टिस अनिरुद्ध बोस, जस्टिस संजय कुमार और जस्टिस एसवीएन भट्टी की पीठ ने इस मामले पर केंद्र और रेलवे को नोटिस जारी किया और कहा कि वह एक सप्ताह के बाद मामले की फिर से सुनवाई करेगी. कोर्ट ने कहा, 'विषय परिसर के संबंध में 10 दिनों की अवधि के लिए यथास्थिति रहने दें. एक सप्ताह के बाद सूची बनाएं.'

बुलडोजर कार्रवाई के खिलाफ याचिका

मथुरा से वृंदावन को जोड़ने वाली रेल लाइन अभी मीटरगेज है. पिछले कई सालों से यहं रेल सेवा बंद है. लाइन के दोनों तरफ लोगों ने पक्के मकान बना लिए हैं. रेलवे अब इस लाइन को ब्रॉड गेज करने जा रही है. रेलवे ने अपनी जमीन खाली करने के लिए वहां बसे लोगों को तीन बार नोटिस दिया, लेकिन लोगों ने जगह खाली नहीं की. जिसके बाद रेलवे ने बुलडोजर कार्रवाई शुरू कर दी.

अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई गई थी. याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ वकील प्रशांतो सेन ने कोर्ट में कहा था कि इस कार्रवाई में 200 घर गिराए जाने हैं और इससे 3000 लोग प्रभावित होंगे. उनके पास रहने के लिए कोई अन्य जगह नहीं है, वे 100 सालों से अधिक समय से इस स्थान पर रह रहे हैं.