अदालतों में महिलाओं के लिए इस्तेमाल होने वाले आपत्तिजनक शब्दों पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है. सुप्रीम कोर्ट ने इसके लिए जेंडर स्टीरियोटाइप कॉम्बैड हैंडबुक लॉन्च की है. इसमें जजों को निर्देश दिए गए हैं कि दलीलों और आदेशों के दौरान महिलाओं के लिए ऐसे रूढ़िवादी शब्दों का प्रयोग ना किया जाए जो कि आपत्तिजनक हैं. जल्द ही यह हैंडबुक सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर भी अपलोड कर दी जाएगी.

इस हैंडबुक बनाने के उद्देश्य को और साफ करने के लिए उदाहरण दिए गए. कोर्ट के आदेश में महिला को 'उपस्त्री' कहकर संबोधित किया गया. इसके अलावा उन्हें 'कीप्स' (रखैल) जैसे शब्द से संबोधित किया गया. यह आदेश एक घरेलू हिंसा के मामले को रद्द करने के मामले में सुनाया गया था। इस तरह के शब्दों के इस्तेमाल से बचना चाहिए. बता दें कि इससे पहले LGBTQ को लेकर भी हैंडबुक लॉन्च की गई थी. इसमें कई अनुचित शब्दों से बचने के बारे में बताया गया था.

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