महाराष्ट्र में 2024 के विधानसभा चुनावों के परिणाम ने एक बार फिर राजनीतिक गलियारों में हलचल मचाई है. जहां एक तरफ भाजपा, शिवसेना और एनसीपी की महायुति ने शानदार जीत हासिल की है, वहीं विपक्षी दलों कांग्रेस, शिवसेना यूबीटी और एनसीपी शरद पवार को हार का सामना करना पड़ा है. खास बात यह है कि इस चुनाव में अभिनेत्री स्वरा भास्कर के पति, फहद अहमद भी राज्य के अनुशक्ति नगर क्षेत्र से चुनाव हार गए. नतीजों के बाद स्वरा और फहद ने ईवीएम (इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन) की कार्यशैली पर सवाल खड़े किए हैं.
यहां पर एक बड़ा सवाल उभरता है कि क्या ईवीएम की विश्वसनीयता पर यकीन किया जा सकता है? यह सवाल केवल हमारे देश में नहीं बल्कि पूरी दुनिया में उठ चुका है, और इसे लेकर कई दिग्गज हस्तियां भी अपनी चिंताएं जता चुकी हैं.
एलन मस्क की चिंता
क्या आपको पता है कि अमेरिकी उद्योगपति और तकनीकी दिग्गज एलन मस्क भी ईवीएम पर सवाल उठा चुके हैं? मस्क का मानना है कि वोटिंग मशीनों का उपयोग चुनावों में धांधली को बढ़ावा देता है. उनका कहना है कि वह तकनीक से जुड़ी एक बड़ी शख्सियत हैं, और इस वजह से वह कंप्यूटर प्रोग्राम पर भरोसा नहीं कर सकते क्योंकि इसे हैक करना बहुत आसान होता है.
मस्क ने पेंसिल्वेनिया के एक टाउन हॉल में वोटिंग मशीनों की विश्वसनीयता पर सवाल उठाते हुए कहा कि “डोमिनियन वोटिंग मशीनों का इस्तेमाल फिलाडेल्फिया और एरिजोना में हुआ था, लेकिन कई अन्य जगहों पर इसका इस्तेमाल नहीं किया गया. क्या यह सिर्फ एक संयोग है?” उन्होंने इसके बाद जोर देकर कहा कि अमेरिका में चुनाव केवल मतपत्रों के माध्यम से होने चाहिए, और इन मतपत्रों की गिनती हाथ से होनी चाहिए.
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Elon Musk said "Elections should not be done through EVM, it can be hacked. Paper ballot is the only Best option. I am a Technologist & I understand that"
Now some Sanghi with expertise in Gobar will reply him how EVM hacking is impossible 😭 pic.twitter.com/OsqPlNzvDQ
— Veena Jain (@DrJain21) October 18, 2024
क्या है डोमिनियन मशीनों का मुद्दा?
एलन मस्क ने जिस डोमिनियन कंपनी की वोटिंग मशीनों पर सवाल उठाए हैं, वह पहले भी विवादों में रही है. पिछले साल फॉक्स न्यूज ने आरोप लगाया था कि डोमिनियन मशीनों का इस्तेमाल वोटों में हेराफेरी करने के लिए किया गया था. हालांकि, बाद में कंपनी ने मानहानि का मुकदमा दायर कर दिया और यह मामला 787 मिलियन अमेरिकी डॉलर के समझौते पर समाप्त हो गया.
कंपनी का जवाब
मस्क के बयान के बाद डोमिनियन कंपनी ने अपना पक्ष प्रस्तुत किया. कंपनी के प्रवक्ता ने कहा, "डोमिनियन फिलाडेल्फिया काउंटी में सेवा नहीं देती है, और हमारी मतदान प्रणाली पहले से ही कागजी मतपत्रों पर आधारित है. कागजी मतपत्रों की गिनती और ऑडिट से यह बार-बार साबित हो चुका है कि डोमिनियन मशीनें सटीक परिणाम देती हैं."