Australia National Cricket Team vs India National Cricket Team: ऑस्ट्रेलिया राष्ट्रीय क्रिकेट बनाम भारतीय राष्ट्रीय क्रिकेट टीम 5 मैचों के बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी(Border-Gavaskar Trophy) 2024-25 का चौथा बॉक्सिंग डे टेस्ट मैच 26 दिसंबर से मेलबर्न (Melbourne) के मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड (Melbourne Cricket Ground) में खेला जाएगा. भारतीय टीम ने आस्ट्रेलिया के खिलाफ चौथे टेस्ट मैच से पूर्व अभ्यास पिचों पर असंतोष जताया और रोहित शर्मा के घुटने पर लगी चोट के लिए पिच के असमान उछाल को जिम्मेदार ठहराया है लेकिन एमसीजी (मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड) के क्यूरेटर मैट पेज ने पिचों का बचाव करते हुए कहा कि इसमें ‘मानक प्रोटोकॉल’ का पालन किया गया. यह भी पढ़ें: BCCI ने दी मोहम्मद शमी का मेडिकल और फिटनेस अपडेट, बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के बचे हुए टेस्ट मैचों से रहेंगे बाहर
सहायक स्टाफ के सदस्य दयानंद गरानी के थ्रोडाउन को खेलने की कोशिश करते हुए रोहित के बाएं घुटने में सूजन आ गई और उन्होंने इसके बाद रविवार को नेट पर अभ्यास नहीं किया. टीम ने सोमवार को अभ्यास नहीं करने का फैसला किया. पता चला कि रात को कप्तान के पैर की सूजन पर बर्फ लगानी पड़ी और टीम के ‘थिंक टैंक’ ने इसके लिए पिच के असमान उछाल को जिम्मेदार ठहराया. भारतीय टीम ने दो महीने पहले अपना ट्रेनिंग कार्यक्रम भेजा था लेकिन एमसीजी क्यूरेटर टेस्ट मैच से तीन दिन पहले ही नई अभ्यास पिच देने की मानक संचालन प्रक्रिया पर अड़े रहे. चौथा टेस्ट 26 दिसंबर से शुरू होगा.
भारत को मुख्य पिच जैसी पिच क्यों नहीं मिली, इस बारे में पेज ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘हम तीन दिन पहले यहां पिच तैयार करते हैं. अगर टीम उससे पहले आकर खेलती हैं तो उन्हें वही पिचें मिलेंगी जो हमारे पास उपलब्ध हैं.’’
इस कदम का बचाव करते हुए पेज ने कहा, ‘‘इसलिए आज हम नई पिचों पर हैं. अगर हमें आज सुबह खेलना होता तो वे उन नई पिचों पर खेलते। हमारे लिए तीन दिन पहले की मानक प्रक्रिया है. हम अपनी पिचें बनाते हैं जो हमें अपने टेस्ट मैच के लिए चाहिए होती हैं.’’
जब उनसे पूछा गया कि क्या उन्हें भारतीय कार्यक्रम की जानकारी थी और क्या भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) ने क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया (सीए) को जानकारी दी थी तो उन्होंने सकारात्मक जवाब दिया.
पेज ने बताया, ‘‘हां, उन्होंने हमें कार्यक्रम दिया है. सीए और भारतीय बोर्ड के बीच पत्राचार हुआ है और उनमें क्या बात हुई मुझे नहीं पता.’’
एमसीजी में पर्थ की तरह उछाल या गाबा की तरह सीम मूवमेंट नहीं होगी लेकिन फिर भी छह मिमी घास के कारण पिच तेज गेंदबाजी के लिए अनुकूल होगी. पेज ने कहा कि इतनी दरारें नहीं बनेंगी कि स्पिनरों को मदद मिले.
पेज ने कहा, ‘‘सात साल पहले पिच काफी सपाट थी, हम एक रोमांचक मुकाबला और रोमांचक टेस्ट मैच चाहते हैं इसलिए हम अधिक घास छोड़ेंगे जो गेंदबाजों की भूमिका बनाता है.’’
उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन नई गेंद के पुराना होने के बाद यह बल्लेबाजी के लिए अच्छा होगा. हम छह मिमी घास रखेंगे और हम देखेंगे कि चीजें कैसी रहती हैं.’’
तो क्या जसप्रीत बुमराह विकेट को देखकर उत्साहित होंगे?
पेज ने जवाब दिया, ‘‘यहां आने पर सभी तेज गेंदबाज उत्साहित होते हैं, हालांकि यह पर्थ और ब्रिसबेन जितना तेज विकेट नहीं है लेकिन हम इसे तेज गेंदबाजी के अनुकूल बनाने में सफल रहे हैं.’’
रविंद्र जडेजा विदेशी परिस्थितियों में बल्लेबाजी ऑलराउंडर की भूमिका अधिक निभाते हैं और पेज ने कहा कि स्पिनरों के लिए बहुत मदद नहीं है.
उन्होंने कहा, ‘‘स्पिनरों की मदद के लिए पिच नहीं टूटेगी और अगर आप पिछले चार से पांच वर्षों में लंबे प्रारूप के मुकाबले देखें तो आप देखेंगे कि यह स्पिन की तुलना में तेज गेंदबाजी के लिए अधिक अनुकूल रहा है.’’
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