Chanakya Niti: महापुरुषों की दिनचर्या दिन में महाभारत, दोपहर में रामायण और रात भागवत पुराण से संबद्ध होती है! जानें चाणक्य ऐसा क्यों कहते हैं!

   चाणक्य प्राचीन भारत के महान राजनीतिज्ञअर्थशास्त्रीकूटनीतिज्ञ और शिक्षक थे. वे तक्षशिला विश्वविद्यालय में आचार्य थे और उन्होंने मौर्य सम्राट चंद्रगुप्त मौर्य को राजा बनाने और मौर्य साम्राज्य की नींव रखने में अहम भूमिका निभाई. आचार्य चाणक्य ने एक नीति संग्रह लिखा है, जिसमें उन्होंने जीवनराजनीतिधर्मसमाजनैतिकता और व्यवहार से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें बताई हैं. उनकी सैकड़ों साल पूर्व लिखी उनकी नीतियाँ आज भी उतनी ही प्रासंगिक हैं, जितना लिखे जाते समय थीं. यहां हम उनकी नीतियों में से एक ऐसे श्लोक की बात करेंगे, जिसमें उन्होंने महान लोगों की दिनचर्या की तुलना महाभारत, रामायण और श्रीमद् भागवत से की है. आइये जानते हैं क्या कहना चाहा है आचार्य ने यह भी पढ़ें : Kalki Jayanti 2025: कब है कल्कि जयंती? जानें कब और किस रूप में अवतार लेंगे भगवान कल्कि! क्या है पूजा विधि इत्यादि!

प्राप्त द्यूतप्रसंगेन मध्याह्ने स्त्रीप्रसंगतः।

रात्रौ चौरप्रसंगेन कालो गच्छति धीमताम्।।11

महापुरुषों की दिनचर्या की चर्चा करते हुए आचार्य कहते हैं कि विद्वानों का प्रातःकाल का समय जुए के प्रसंग (महाभारत की कथा) में बीतता हैदोपहर का समय स्त्री-प्रसंग (रामायण की कथा) में बीतता हैरात्रि में उनका समय रोमांटिक प्रसंग (कृष्ण-कथा) में बीतता है. किसी भी महान पुरुष की जीवनचर्या कमोबेस ऐसी ही होती है.

 उपरोक्त श्लोक का मूल आशय यह है कि विद्वान महापुरुष प्रातःकाल जुए की कथा (महाभारत) का अध्ययन करते हैं. इस कथा से जुआछल-कपट आदि की बुराइयों का ज्ञान होता है. दोपहर में वे स्त्री-कथाअर्थात् रामायण का अध्ययन करते हैं. रामायण में रावण की स्त्री के प्रति आसक्ति का वर्णन है. यही आसक्ति रावण के विनाश का कारण बनी थी. रामायण की कथा से हमें मूलभूत शिक्षा यह मिलती है कि व्यक्ति को इन्द्रियों का दास नहीं बनना चाहिए. इन्द्रियों का दास बनकर परायी स्त्री पर बुरी नजर डालने से ही रावण का नाश हुआ था. रात्रि में वही महापुरुष भगवान् कृष्ण की कथा का अध्ययन करते हैं. यह प्रसंग रहस्य और रोमांच का प्रतिनिधित्व करता हैक्योंकि भागवत पुराण में कई रहस्यमय और रोमांचक कहानियां हैं.

   इस श्लोक का प्रतीकात्मक अर्थ भी रखता है. यह सुझाव देता है कि बुद्धिमान लोग अपने जीवन के विभिन्न पहलुओं में संतुलित होते हैंऔर वे ज्ञानआनंद और रोमांच के बीच संतुलन बनाए रखते हैं.