Coronavirus Strain: कोरोना वायरस रूप बदलकर पहले से जादा हुआ खतरनाक, ऐसे रख सकते है खुद से दूर
प्रतिकात्मक तस्वीर

नई दिल्ली: ब्रिटेन (Britain) के कुछ हिस्सों में कोरोना वायरस के नये स्वरूप (स्ट्रेन) के मिलने से दुनियाभर में हड़कंप मच गया है. कोरोना वायरस (Coronavirus) का नया स्वरूप सामने आने के मद्देनजर भारत समेत तमाम देश कड़े कदम उठा रहे है. भारत ने नए वायरस से बचने के लिए 23 से 31 दिसंबर तक ब्रिटेन से आने-जाने वाली सभी उड़ानें रद्द कर दी है. ब्रिटेन की उड़ानों से आने वाले यात्रियों के हवाई अड्डे पर पहुंचने के दौरान एहतियाती कदम के तौर पर कोविड-19 की जांच की जाएगी और उन्हें क्वारंटाइन किया जाएगा. दरअसल ब्रिटेन की सरकार ने चेताया है कि नए किस्म के कोरोना वायरस का संक्रमण तेजी से फैल सकता है. ब्रिटेन में फैले कोरोना के नए स्ट्रेन को लेकर BMC हुई सतर्क, UK से आने वाले यात्रियों के लिए जारी की गाइडलाइंस

नोवल कोरोनावायरस के एक अत्यधिक संक्रामक 'म्यूटेंट' से बढ़े तनाव के बीच सोमवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने अपने संयुक्त निगरानी समूह की एक बैठक बुलाई थी. जिसके बाद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने कहा कि सरकार सतर्क है और घबराने की आवश्यकता नहीं है. उन्होंने कहा ‘‘सरकार हर चीज के बारे में पूरी तरह जागरुक है. इतना घबराने की कोई जरूरत नहीं है.” उन्होंने कहा कि सरकार ने पिछले एक साल में हर वह काम किया है, जो कोविड-19 से निपटने के लिए महत्वपूर्ण था. उन्होंने कहा कि वैज्ञानिक समुदाय ने कोविड-19 से निपटने के लिए लगातार प्रयास किये हैं और इसमें अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया.

ब्रिटिश सरकार ने चेतावनी दी थी कि वायरस का नया प्रकार नियंत्रण से बाहर है. जिसके चलते ब्रिटेन में रविवार से सख्त लॉकडाउन लगाया गया है. कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन के संक्रमण को लेकर विश्व में चिंता बढ़ती जा रही है. कई यूरोपीय देशों फ्रांस, जर्मनी, नीदरलैंड, बेल्जियम, ऑस्ट्रिया और इटली ने ब्रिटेन से आने वाली उड़ानों पर प्रतिबंध लगा चुके है.

कोरोना वायरस गले और फेफड़ों में उपकला (Epithelial) कोशिकाओं को संक्रमित करता है. SARS-CoV-2 मानव कोशिकाओं के संपर्क में आने पर ACE2 (Angiotensin-Converting Enzyme 2) रिसेप्टर्स से बंध जाता है, जो अक्सर गले और फेफड़ों में पाए जाते हैं. हालांकि त्वचा पर चिपकने के बावजूद वायरस नुकसान नहीं पहुंचाता क्योंकि बाहरी त्वचा पर उसका संपर्क ACE2 से नहीं होता है. यह वायरस नाक, आँखों और मुँह से होकर शरीर में प्रवेश करता है. घातक वायरस के शरीर में प्रवेश करने का मुख्य साधन हाथ भी हो सकता है. जो इंसान के मुँह, नाक और आँखों तक वायरस को पहुँचा सकते हैं. इसलिए जितनी बार संभव हो 20 सेकंड तक साबुन के पानी से हाथ धोना संक्रमण को रोकने में मदद करता है.

मनुष्य को इस वायरस से संक्रमित होने के लिए सात लाख पीएफयू (प्लाक बनाने की इकाई) से अधिक खुराक की आवश्यकता होगी. वायरस से संक्रमित कोई भी व्यक्ति लक्षण प्रकट होने से पहले ही दूसरों को संक्रमित कर सकता है. खांसी या छींक आने पर हमारे मुँह और नाक को ढंकने से संक्रमण को कम करने में मदद मिल सकती है. वायरस पूरी संक्रामक अवधि में संक्रमित व्यक्ति की लार, थूक और मल में मौजूद रहता है.

कोरोना संक्रमण प्रायः द्रव कणों के माध्यम से होता है. इसके लिए, छह फीट से कम नजदीकी संपर्क की आवश्यकता होती है. यही कारण है कि सार्वजनिक स्थानों जैसे- सब्जी बाजार या सुपरमार्केट में सोशल डिस्टेंसिंग रखना बेहद जरुरी है. कुछ महीने पहले हांगकांग में किए गए एक अध्ययन से पता चला है कि सामाजिक दूरी बनाए रखकर 44% तक संक्रमण को फैलने से रोका जा सकता है. जबकि फोन, दरवाजे की कुंडी और दूसरी सतहें वायरस के संचरण का संभावित स्रोत हो सकती हैं. दरवाजे की कुंडी, लिफ्ट का बटन और सार्वजनिक स्थानों पर काउंटर को छूने के बाद हाथों को सैनेटाइज करना बचाव का सुरक्षित विकल्प हो सकता है.