नई दिल्ली. जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी (Jawaharlal Nehru University) में हुई हिंसा को लेकर दिल्ली पुलिस ने आज एक प्रेस कांफ्रेंस कर हमलावर सहित पुरे मामले की जानकारी दी. दिल्ली पुलिस (Delhi Police) ने कहा कि जेएनयू मामले में कुछ गलत जानकारियां फैलाई जा रही हैं. इसलिए हम इस मामले की कुछ जानकारियां शेयर कर रहे हैं. यह मामला गंभीर है इसलिए हम इस केस की जानकारी देने सामने आ रहे हैं. डीसीपी जॉय टिर्की (DCP Joy Tirkey) ने कहा कि आरोपियों की पहचान वायरल वीडियो के आधार पर हुई है. इसके साथ ही छात्रों से बातचीत के दौरान जो वीडियो मिले उससे भी आरोपियों को पहचानने में मदद मिली है.
दिल्ली पुलिस के अनुसार जेएनयू प्रशासन ने एक से पांच जनवरी तक ऑन लाइन रजिस्ट्रेशन शुरू किया गया था लेकिन चार छात्र संगठन इसके विरोध में थे. यह विरोध AISF, AISA, SFI और DSF की तरफ से किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि ज्यादतर छात्रों का कहना था कि उनको रजिस्ट्रेशन करने से रोका जाता था और धमकाया जाता है. इसके साथ ही तीन जनवरी को चार छात्र संगठनों ने सर्वर के साथ छेड़छाड़ भी की है. इस मामले में कुल तीन एफआईआर दर्ज हुई है. यह भी पढ़े-JNU हिंसा: दिल्ली पुलिस ने की नकाबपोश हमलावरों की हुई पहचान, जल्द हो सकती गिरफ्तारी
ANI का ट्वीट-
Dr. Joy Tirkey, DCP/Crime, Delhi Police on #JNUViolence: No suspect has been detained till now, but we will begin to interrogate the suspects soon. pic.twitter.com/WtpqVvx1nb
— ANI (@ANI) January 10, 2020
क्राइम ब्रांच ने बताया कि जिन छात्रों की पहचान हुई है, उनमें चुनचुन कुमार, पंकज मिश्रा, योगेंद्र भारद्वाज, प्रिया रंजन, विकास पटेल, डोलन, जेएनयूएसयू की अध्यक्ष आइशी घोष के नामों का समावेश है.
दिल्ली पुलिस ने कहा कि सबरमती होस्टल के बाहर पीस मीटिंग चल रही थी. इसी दौरान अचानक एक गुट वहां दाखिल हुआ जिनके मुंह पर मफलर बांधा हुआ था. इसके बाद हमलावरों ने होस्टल में घुसकर कमरों में तोड़फोड़ की और छात्रों के साथ मारपीट की. पुलिस ने आगे कहा कि तोड़फोड़ करने वालों हमलावरों को पता था कि कहां जाना है और किस कमरे को निशाना बनाना है. उन्होंने कहा कि बाहरी व्यक्ति इतनी आसानी से तोड़फोड़ नहीं कर सकता है.